Mokama Firing Case: अनंत सिंह की जमानत का इंतजार कर रहे उनके समर्थकों के लिए एक बुरी खबर है. पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक अनंत सिंह की याचिका खारिज कर दी है. अनंत सिंह ने मोकामा फायरिंग केस में जमानत की मांग की थी, जिस पर बीते दिन, बुधवार को अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था. यह मामला मोकामा में हुई फायरिंग की घटना से जुड़ा है, जिसमें सिंह पर सरकारी काम में बाधा डालने और कानून प्रवर्तन कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने समेत कई अपराधों का आरोप है.
पटना के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में, एसीजेएम 1 अमित वैभव की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. अनंत सिंह के वकील ने दावा किया कि उन्हें गोली चलाते किसी ने नहीं देखा है. उन्होंने तो बस जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने आदमी को सोनू-मोनू को बुलाने भेजा था. इसी दौरान मोनू ने फायरिंग की और हमारे (अनंत सिंह) के समर्थक को गोली लगी. ऐसे में पूर्व विधायक पर आर्म्स एक्ट और आईपीसी की धारा 307 का मामला नहीं बनता है.
पिछली सुनवाई (30 जनवरी) के दिन अदालत ने पुलिस से केस डायरी की मांग की थी. वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि वे अनंत सिंह को जमानत दें.पिछले दिन अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज जारी किया गया है.
घटना 22 जनवरी के दिन की है, मोकामा में एक व्यक्ति के घर पर कथित अवैध कब्जे को लेकर हुए विवाद से उपजा. कथित तौर व्यक्ति अनंत सिंह का समर्थक था, और उसके घर पर सोनू-मोनू गैंग ने ताला लगा दिया था, जिसे लेकर बिहार के मोकामा में पंचमहला थाना अंतर्गत नौरंगा जलालपुर गांव में पूर्व विधायक सिंह और सोनू-मोनू गिरोह के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
अनंत सिंह ने दावा किया कि वे प्रभावित निवासियों की सहायता के लिए गांव गए थे, लेकिन स्थिति गोलीबारी में बदल गई, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से लगभग 200 राउंड फायरिंग हुई. सौभाग्य से, सिंह सुरक्षित बच गए, हालांकि उनके एक समर्थक की गर्दन पर गोली लगी.
अनंत सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई. पटना पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की, और दूसरी सोनू और मोनू सिंह की मां उर्मिला देवी की शिकायत पर दर्ज की गई. जवाब में, सिंह ने 24 जनवरी, 2025 को बाढ़ उप-विभागीय न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया और तब से उन्हें पटना के बेउर सेंट्रल जेल में रखा गया. वहीं दूसरी ओर, सोनू सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि मोनू सिंह फरार है.