पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को 70वें BPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई की और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को निर्देश दिया कि वे परीक्षा केंद्रों के CCTV फुटेज को सुरक्षित रखा जाए.
पटना हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच जिसमें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी शामिल थे, ने आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की. जस्टिस ने आवेदक के वकील को राज्य सरकार और BPSC द्वारा दायर काउंटर हलफनामे का जवाब देने के लिए समय दिया है. इससे पहले हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और BPSC को याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने के लिए कहा था. न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि CCTV फुटेज को सुरक्षित रखना आवश्यक है.
आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट ने पहले इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को पटना उच्च न्यायालय में मामला दायर करने का निर्देश दिया. इसके बाद, पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई, जहां यह मामला वर्तमान में विचाराधीन है. इससे पहले, 14 याचिकाएं पटना हाई कोर्ट में 70वें BPSC PT परीक्षा के रद्द करने और पुनः आयोजित करने की मांग करते हुए दायर की गई थीं. अदालत ने सभी याचिकाओं को एक मामले में समेकित किया.
पहले बीपीएससी परीक्षा को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. 16 जनवरी को, जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की एकल बेंच ने पप्पू कुमार और अन्य द्वारा BPSC परीक्षा प्रक्रिया के संबंध में दायर एक अलग याचिका की सुनवाई की थी. बेंच ने BPSC और राज्य सरकार से अपने उत्तर में हलफनामे दायर करने के लिए कहा. उन्होंने 31 जनवरी को उत्तर दायर किया.
बेंच ने परीक्षा परिणामों की घोषणा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि मामले का अंतिम परिणाम BPSC PT परिणामों की वैधता निर्धारित करेगा. अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को निर्धारित की गई है.
(खबर IANS इनपुट से है)