Advertisement

Calcutta HC ने रामनवमी झड़प के मामले में NIA जांच रोकने की Mamata Govt की बेचैनी पर रोष जताया

पश्चिम बंगाल में राम नवमी के अवसर पर हुए हिंसा के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कुछ समय पहले यह आदेश दिया था कि इसकी जांच एनआईए द्वारा की जाएगी; अब ममता बनर्जी की सरकार द्वारा इस जांच पर रोक लगाने के प्रयासों पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की है...

Calcutta High Court

Written by Ananya Srivastava |Published : August 1, 2023 9:40 AM IST

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-पीठ ने इस साल रामनवमी जुलूस पर हुई झड़पों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) की जांच को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के लगातार प्रयासों पर रोष व्यक्त किया।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने 27 अप्रैल को एनआईए जांच का आदेश दिया था।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के हिसाब से, राज्य सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हालाँकि, इस महीने की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को बरकरार रखा और राज्य सरकार को मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया।

Also Read

More News

HC ने बंगाल सरकार के प्रयासों पर नाराजगी व्यक्त की

इसके बाद, राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक नया आवेदन दायर कर मामले में एनआईए जांच को रद्द करने की मांग की। जैसे ही यह मामला सोमवार को न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ के सामने सुनवाई के लिए आया, उन्होंने एनआईए जांच को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के लगातार प्रयासों पर नाराजगी व्यक्त की।

न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने कहा, “आपने पहले एनआईए जांच पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में लाखों रुपये खर्च किए हैं। अब जब शीर्ष अदालत का आदेश आपके पक्ष में नहीं गया तो आप नया मामला दायर कर रहे हैं। यह जारी नहीं रह सकता।''

उन्होंने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई तभी करेंगे जब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, "यह अस्वीकार्य है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बायपास कर मामले में मूल आदेश को लागू करने में देरी करे।"

एनआईए पहले ही राज्य प्रशासन पर जांच प्रक्रिया में केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए कई बार कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुकी है।

एनआईए ने राज्य पुलिस पर मामले से संबंधित दस्तावेजों को केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया में अनावश्यक रूप से देरी करने का भी आरोप लगाया है।