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School Recruitment Scam: बंगाल शिक्षा विभाग पर अदालत के आदेश की अनदेखी करने के लिए Calcutta HC ने लगाया जुर्माना

'स्कूल टीचर्स रीक्रूटमेंट स्कैम' में अदालत के आदेश का पालन न करना पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग पर भारी पड़ा है! कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने विभाग पर ऐसा करने के लिए जुर्माना लगा दिया है..

Calcutta High Court

Written by Ananya Srivastava |Published : July 26, 2023 9:55 AM IST

कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) की एकल न्यायाधीश पीठ ने मंगलवार को एक विशेष स्कूल भर्ती अनियमितता मामले में समय पर विभागीय जांच शुरू करने के पहले अदालत के आदेश की अनदेखी करने के लिए पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

2012 में पूर्वी मिदनापुर जिले में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित शिकायतें थीं। मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय तक पहुंच गया, जिसने 2016 में राज्य शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव को मामले में जांच शुरू करने का निर्देश दिया।

हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के वर्षों बीत जाने के बाद भी जांच प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। हाल ही में, न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ में एक और याचिका दायर की गई थी, जहां जांच प्रक्रिया की शुरुआत में देरी की ओर इशारा किया गया था।

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जस्टिस गंगोपाध्याय ने दिया ये निर्देश

यह मामला मंगलवार को सुनवाई के लिए आया और सुनवाई के अंत में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने राज्य शिक्षा विभाग पर जुर्माना लगाया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को अगले दस दिनों के भीतर अदालत के कानूनी सहायता सेवा विभाग में राशि जमा करने का भी निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी सुझाव दिया कि जांच प्रक्रिया में दोषी पाए जाने वालों से विभाग जुर्माना राशि वसूल कर सकता है। उन्होंने राज्य शिक्षा विभाग के वर्तमान प्रमुख सचिव को छह सप्ताह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी करने और उसके बाद इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में सौंपने का भी निर्देश दिया।

मामले में अगली सुनवाई 12 सितंबर को होनी है। जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह भी कहा कि अगर राज्य के शिक्षा सचिव के पास निर्णय लेने का अधिकार नहीं है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

पिछले सप्ताह ही न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (डब्ल्यूबीबीएसई) के अध्यक्ष गौतम पॉल को अदालत को गुमराह करने के आरोप में उनके वेतन का भुगतान रोकने का आदेश देने की चेतावनी दी थी। हालांकि, बाद में जस्टिस गंगोपाध्याय ने अपना रुख नरम कर लिया क्योंकि पॉल ने हाथ जोड़कर माफ़ी मांग ली।