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SC में जनहित याचिकाओं की सुनवाई को लेकर बदलाव, जारी हुआ नया 'रोस्टर'

सर्वोच्च न्यायालय में नागरिकों द्वारा शीर्ष अदालत को लिखे गए पत्रों से बनी नई याचिकाओं और नई जनहित याचिकाओं (PIL) की सुनवाई किन पीठों के समक्ष होगी, इसपर एक नया 'रोस्टर' जारी किया गया है। फ्रेश मामलों की लिस्टिंग की नई प्रक्रिया के बारे में भी बताया गया है

Supreme Court New Roster for PIL Cases Hearings

Written by My Lord Team |Published : June 29, 2023 11:10 AM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) तीन जुलाई से 15 पीठों को नये मामलों के आवंटन के लिए एक नया ‘रोस्टर’ (नामावली) लेकर आया है और भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और दो वरिष्ठतम न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली पहली तीन अदालत क्रमशः जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेंगी।

सुनवाई के लिए जारी हुआ 'रोस्टर'

समाचार एजेंसी भाषा (Bhasha) के अनुसार, नये मामलों की सुनवाई के लिए ‘रोस्टर’ को सीजेआई के आदेश के तहत शीर्ष अदालत रजिस्ट्री द्वारा अधिसूचित किया गया था और यह तीन जुलाई से लागू होगा जब शीर्ष अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद फिर से खुलेगी।

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, अब, नागरिकों द्वारा शीर्ष अदालत को लिखे गए पत्रों से बनी नई याचिकाओं और नई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की सुनवाई सीजेआई और दो वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठों द्वारा की जाएगी।

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CJI यू यू ललित के समय ऐसे होती थी सुनवाई

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के पूर्ववर्ती सीजेआई यू.यू. ललित ने सभी पीठों को जनहित याचिकाएं आवंटित की थीं। विषय के अनुसार, सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ अप्रत्यक्ष करों, सेवा मामलों, आपराधिक अपील, चुनाव याचिकाओं, कंपनी कानून, बंदी प्रत्यक्षीकरण मामलों और मध्यस्थता से संबंधित मामलों से लेकर अधिकतम मुद्दों पर विचार करेगी।

सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ इन मामलों की भी करेगी सुनवाई

संवैधानिक प्राधिकारियों और न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति, सशस्त्र बलों, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से संबंधित मामलों को भी सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ द्वारा निपटाया जाएगा। भाषा के हिसाब से मामलों का विषयवार आवंटन 15 वरिष्ठ न्यायाधीशों के लिए किया गया है जो तीन जुलाई से शीर्ष अदालत में पीठ की अध्यक्षता करेंगे।

अन्य 12 न्यायाधीश जो पीठों की अध्यक्षता करेंगे उनमें न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली शामिल हैं।

फ्रेश मामलों की लिस्टिंग प्रक्रिया में भी बदलाव

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तीन जुलाई से, उच्चतम न्यायालय में सभी नए प्रकीर्ण मामले (fresh miscellaneous matters), जिनका वेरीफिकेशन मंगलवार को हो जाएगा, उन्हें आने वाले सोमवार को लिस्ट कर दिया जाएगा। जिन मामलों की पुष्टि मंगलवार के बाद होगी, उन्हें अगले हफ्ते शुक्रवार को लिस्ट किया जाएगा।

जिन काउंसल्स को निर्धारित डेट से पहले अपने मामलों की सुनवाई करवानी है, उन्हें दोपहर तीन बजे से पहले अपने प्रपत्र जमा करने होंगे जिससे अगले ही दिन उनके केस की सुनवाई हो सके। जो वकील उसी दिन अपने मामले में सुनवाई चाहते हैं, उन्हें अपना प्रपत्र निर्धारित अधिकारी को सुबह 10:30 बजे तक देना होगा और साथ में एक 'लेटर ऑफ अर्जेंसी' भी देना होगा।

इनपर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) लंच के दौरान फैसला लेंगे या जब जैसी जरूरत होगी।