नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (Delhi Electricity Regulatory Commission) के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त न्यायाधीश उमेश कुमार (Justice Umesh Kumar) की नियुक्ति को एक याचिका के जरिए चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई के बाद जस्टिस उमेश कुमार की शपथ को स्थगित कर दिया है।
जैसा कि हमने आपको बताया कि मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, जस्टिस उमेश कुमार की डीईआरसी (DERC) अध्यक्ष के रूप में शपथ स्थगित (defer) कर दी। यह निर्देश देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) और न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा (Justice PS Narasimha) की पीठ ने दिया है.
अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई, 2023 दी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि तब तक जस्टिस उमेश कुमार की शपथ नहीं होगी, और दिल्ली के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor), वी के सक्सेना (VK Saxena) से कहा है कि वो सरकार को यह नहीं सूचित करेंगे कि जस्टिस कुमार की शपथ होनी है।
समाचार एजेंसी भाषा (Bhasha) के मुताबिक, दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी के "खराब स्वास्थ्य" के कारण शपथ कार्यक्रम स्थगित होने के बाद, उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नामित अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार का शपथ ग्रहण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूरा करने की सलाह दी।
केजरीवाल को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कुमार शपथ समारोह के लिए मंगलवार सुबह 10 बजे तक ही उपलब्ध रहेंगे।
उपराज्यपाल ने कहा कि बिजली मंत्री या तो वीडियो कॉन्फ्रेंस या फिर अपने मोबाइल पर वीडियो कॉल के जरिये कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएं, या मुख्यमंत्री या उनका कोई मंत्री औपचारिकताएं पूरी करे, या फिर मुख्य सचिव से यह कार्य पूरा करने के लिए कहा जा सकता है।
बता दें कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश उमेश कुमार को 21 जून को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। आप सरकार (AAP Government) ने उनकी नियुक्ति को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।