नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हिंसा (Ram Navmi Violence) की घटनाओं की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency) को सौंपने के कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने कहा, ‘‘हम विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’’
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार ने जांच को एनआईए (NIA) को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि किसी भी विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं हुआ था और यह निर्देश राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर ‘राजनीति से प्रेरित’ जनहित याचिका पर पारित किया गया।
उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को रामनवमी उत्सव के दौरान और उसके बाद हावड़ा के शिबपुर और हुगली के रिसड़ा में हिंसा की घटनाओं की एनआईए से जांच कराने का आदेश दिया था।
यह आदेश शुभेंदु अधिकारी की जनहित याचिका और इन दो स्थानों पर हुई हिंसा की एनआईए जांच की मांग करने वाली तीन अन्य याचिकाओं पर पारित किया गया था।
उच्च न्यायालय ने राज्य पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से दो सप्ताह के भीतर सभी प्राथमिकी, दस्तावेज, जब्त सामग्री और सीसीटीवी फुटेज एनआईए को सौंप दिए जाएं।