नई दिल्ली: मणिपुर मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) में जारी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज, दोपहर दो बजे से सुनवाई दोबारा शुरू हुई और इसमें अदालत ने मणिपुर पुलिस को फटकार लगाई है और इतना ही नहीं, राज्य के पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) को शुक्रवार को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
सॉलिसिटर जनरल ने जब अदालत से अनुरोध किया कि दो दिन का समय बहुत कम है और डीजीपी की पेशी हेतु तारीख को बढ़ाकर सोमवार, 7 अगस्त 2023 कर दिया जाए, तो इसपर सीजेआई (CJI) ने इनकार करते हुए यह कहा है कि मामले की ताजगी को बरकरार रखने के लिए शुक्रवार को ही पेशी होगी।
देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), न्यायाधीश जे बी परदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायाधीश मनोज मिश्रा (Jusice Manoj Mishra) की पीठ ने मणिपुर पुलिस की फटकार लगाते हुए यह कहा है कि राज्य की पुलिसम महिलाओं और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों सहित राज्य में हो रहे अन्य अपराधों की जांच करने में असमर्थ है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का यह कहना है कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था तंत्र पूरी तरह से चरमरा गया है। यह बात अदालत ने तब कही है जब उन्होंने यह बात नोट की है कि छह हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उनमें बहुत कम गिरफ्तारियां हुई हैं।
सुनवाई के दौरान देश के मुख्य न्यायाधीश का यह कहना है कि जांच बेहद सुस्त है, कोई गिरफ्तारियां नहीं हुई हैं और बयान दर्ज करने में भी जरूरत से ज्यादा समय लगाया जा रहा है। इससे यह आभास होता है कि वहां कोई कानून नहीं था और संवैधानिक तंत्र टूट गया था। हो सकता है कि यह सही हो कि गिरफ्तारी नहीं हो सकी क्योंकि पुलिस इलाके में प्रवेश नहीं कर सकी.. लेकिन फिर भी कानून-व्यवस्था पूरी तरह टूट चुकी है।
इतना ही नहीं, अदालत ने आदेश दिया है कि ये जो छह हजार एफआईआर दर्ज हुई हैं, उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाना चाहिए जिससे समझा जा सके कि कौनसी एफआईआर किस अपराध हेतु दर्ज की गई है और उसपर जल्द से जल्द जांच और गिरफ्तारियां हो सके।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कल, 2 अगस्त, 2023 को दोपहर दो बजे से दोबारा सुनवाई करेंगे और अदालत ने आदेश दिया है कि मणिपुर पुलिस के महानिदेशक (DGP) शुक्रवार 4 अगस्त, 2023 को कोर्ट के समखस पेश हों और सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हों।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दो महिलाओं के नग्न परेड वाले वीडियो की जांच कर रही सीबीआई से कहा है कि पीड़िताओं का बयान दर्ज नहीं किया जाएगा।