Advertisement

FIR में जाति लिखने की जरूरत क्यों पड़ी? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने UP DGP से जबाव तलब किया

FIR पर गौर करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने घटनास्थल पर ही याचिकाकर्ता समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार कर सभी आरोपियों की जाति को प्राथमिकी में दर्ज किया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : March 6, 2025 10:51 AM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्राथमिकी में आरोपी की जाति का उल्लेख किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को एक व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा दाखिल कर ऐसा करने का कारण बताने को कहा है. प्रवीण चेत्री नाम के एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विनोद दिवाकर ने तीन मार्च 2025 को यह आदेश पारित किया जिसमें याचिकाकर्ता ने प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था. चेत्री पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और उत्पाद शुल्क अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

देश जाति उन्मूलन को प्रयासरत और...

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डीजीपी को व्यक्तिगत तौर पर एक हलफनामा दाखिल कर प्राथमिकी में या पुलिस जांच के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की जाति का उल्लेख करने का औचित्य बताने का निर्देश दिया जाता है. अदालत ने कहा कि एक जाति प्रधान समाज में जहां सामाजिक विभाजन, कानून प्रवर्तन व्यवस्था और सार्वजनिक धारणा को निरंतर प्रभावित कर रहा है, प्राथमिकी में जाति का उल्लेख करने का क्या औचित्य है.

अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि जहां संविधान भारत में जाति आधारित भेदभाव के उन्मूलन की गारंटी देता है, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी दलीलों में जाति और धर्म का उल्लेख करने की प्रथा की निंदा की है.

Also Read

More News

अदालत ने कहा, 

"पुलिस महानिदेशक अपने हलफनामे में यह बताएं कि क्या जाति को लेकर इस तरह का संदर्भ किसी कानूनी आवश्यकता की पूर्ति करता है या सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने वाले संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक मिसालों का खंडन करते हुए अनजाने में व्यवस्थागत भेदभाव को कायम रखता है."

हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक से जबाव तलब कर मामले की सुनवाई 12 मार्च तय की है. अगली सुनवाई 12 मार्च को ही होनी है.

क्या है पूरा मामला?

यह मामला इटावा में कथित शराब तस्करी से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक, याचिकाकर्ता एक गिरोह का सरगना है जो हरियाणा से शराब लाकर ऊंचे दामों पर बिहार में बेचता था और तस्करी के दौरान वाहनों के नंबर प्लेट बदलता रहता था. प्राथमिकी पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि पुलिस ने घटनास्थल पर ही याचिकाकर्ता समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और सभी आरोपियों की जाति का उल्लेख प्राथमिकी में किया गया है.

(खबर पीटीआई इनपुट से है)