राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बलात्कार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम बापू को महाराष्ट्र में आयुर्वेदिक उपचार कराने के लिए सात दिन की पैरोल दी है (Rajasthan High Court Grants Seven Days Parole To Asaram). 2013 से जेल में बंद आसाराम को ये मेडिकल ग्राउंड पर ये अंतरिम राहत करीब 11 साल बाद मिली है. आसाराम नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर सजा निलंबित करने की उसकी याचिका को खारिज कर दी थी. आसाराम को गुजरात में एक अलग यौन उत्पीड़न मामले में भी दोषी ठहराया गया है.
राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने मंगलवार को आसाराम को अंतरिम पैरोल दी, जिसे चार दिन पहले जोधपुर के एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्हें पुलिस हिरासत में इलाज के लिए महाराष्ट्र के खोपोली के माधवबाग आयुर्वेदिक अस्पताल ले जाया जाएगा. आसाराम को पहले पुलिस हिरासत में जोधपुर के एक निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी गई थी.
इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था जिसमें मेडिकल आधार पर सज़ा को निलंबित करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता को पुलिस हिरासत में माधवबाग अस्पताल में इलाज कराने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष एक नया आवेदन दायर करने की अनुमति दी थी। याद दिला दें कि 11 जनवरी को राजस्थान उच्च न्यायालय ने आसाराम द्वारा सज़ा को निलंबित करने या ज़मानत मांगने के लिए दायर चौथी अर्जी को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अगर उसे अपनी पसंद का इलाज कराने की अनुमति नहीं दी गई तो कानून और व्यवस्था की समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
25 अप्रैल, 2018 को जोधपुर की एक विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग से बलात्कार के आरोप में आसाराम को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वह 2 सितंबर, 2013 से जेल में है. जनवरी 2023 में गुजरात की एक अदालत ने एक महिला शिष्य से जुड़े एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में स्वयंभू संत को दोषी ठहराया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पीड़िता ने आसाराम पर 2013 में अपने आश्रम में बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था.