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आईएएस स्मिता सभरवाल का ट्विट दिव्यांग जनों के प्रति असंवेदनशील, कार्रवाई की मांग को लेकर तेलंगाना हाईकोर्ट में जनहित याचिका

तेलंगाना हाईकोर्ट

Telangana High Court में आईएएस अधिकारी Smita Sabharwal के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल की गई है, जिसमें आईएएस पर कथित तौर पर ट्विट के माध्यम से दिव्यांग लोगों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर कार्रवाई करने की मांग की गई है.

Written by Satyam Kumar |Published : August 13, 2024 10:30 PM IST

PIL In Telangana High Court against IAS Smita Sabharwal: पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवाद के दौरान ही ट्विटर पर दिव्यांग कोटे से आईएएस बनने के खिलाफ मुहिम छिड़ी हुई थी. इस विवाद में जहां अधिकतर आईएएस अधिकारी निष्पक्ष बने हुए थे, वहीं एक आईएएस स्मिता सभरवाल, स्वस्थ कैंडिडेट के दिव्यांग सर्टिफिकेट कथित तौर पर चीट कोड के जरिए आईएएस बनने के खिलाफ मुखर थी. इसी क्रम में स्मिता सभरवाल ने दिव्यांग कोटे से आईएएस बनने को लेकर एक ट्विट (नीचे दी गई है) किया था जिसे लेकर उनके खिलाफ तेलंगाना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. आगे बढ़ने से पहले आईएएस स्मिता सभरवाल तेलंगाना राज्य में पोस्टेड है.

तेलंगाना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस जे श्रीनिवास राव की खंडपीठ ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता वसुंधरा कोप्पुला द्वारा दायर जनहित याचिका (जांच के चरण में) पर फैसला सुनाया, जिसमें आईएएस अधिकारी स्मिता सभरवाल एक्स अकाउंट @SmitaSabharwal के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ विवादास्पद असंवेदनशील टिप्पणियों को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

हालांकि, आगे बढ़ने से पहले पीठ ने याचिकाकर्ता, जो कौशल विकास और उद्यमिता में दिव्यांग व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने के लिए काम करने वाली गुरुथिम्पू फाउंडेशन चलाती है, को सुनवाई की अगली तारीख तक दिव्यांगों की बेहतरी के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपने काम का विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से, इसी साल 21 जुलाई के दिन विवादास्पद ट्विट करने को लेकर स्मिता सभरवाल के खिलाफ, कार्रवाई करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, दिल्ली के प्रमुख सचिव और यूपीएससी अध्यक्ष को निर्देश देने की भी मांग की. याचिकाकर्ता के अनुसार, उसने 26 जुलाई को डीओपीटी और यूपीएससी को दिए गए एक आवेदन में अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 3 और नियम 7 का उल्लंघन करने के लिए आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

मामला क्या है?

याचिकाकर्ता के अनुसार आईएएस स्मिता सभरवाल ने पूजा खेडकर का जिक्र करते हुए ये टिप्पणियां कीं थी, जिनकी उम्मीदवारी हाल ही में यूपीएससी द्वारा रद्द कर दी गई थी. पूजा खेडकर कथित तौर पर विकलांग कोटे के तहत यूपीएससी द्वारा तय सीमा से अधिक प्रयास पाने के लिए अपनी पहचान को गलत बताया था. याचिकाकर्ता ने जिस ट्विट का जिक्र किया है, वो है...

आईएएस के ट्विट में लिखती है,

जैसा कि यह बहस जोर पकड़ रही है, दिव्यांगों के प्रति पूरा सम्मान रखते हुए. क्या एयरलाइन विकलांग पायलट को काम पर रखती है? या आप विकलांग सर्जन पर भरोसा करेंगे.

#AIS (IAS/IPS/IFoS) की प्रकृति फील्ड-वर्क, लंबे समय तक काम करने वाले घंटे, सीधे सुनने की है.

तेलंगाना हाईकोर्ट ने मामले की कार्यवाही को आगे बढ़ाने से पहले याचिकाकर्ता को समाजिक कार्यकर्ता के कार्य बताने के निर्देश दिए हैं.