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Patna HC ने जाति आधारित गणना के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं की खारिज

बिहार में सरकार द्वारा किए जाने जाति आधारित गणना के फैसले के खिलाफ पटना उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई थीं जिन्हें अदालत ने खारिज करते हुए सरकार के सर्वे करने के फैसले को अपहोल्ड किया है...

Patna High Court

Written by Ananya Srivastava |Published : August 1, 2023 5:14 PM IST

पटना: पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) ने बिहार में जाति आधारित गणना (Bihar Caste Survey) के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं।

मामले में मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन (CJ Vinod Chandran) की अध्यक्षता वाली पीठ का फैसला आने के बाद अदालत के बाहर पत्रकारों से मुखातिब याचिकाकर्ताओं के वकील दीनू कुमार ने कहा कि वह आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।

समाचार एजेंसी भाषा के हिसाब से कुमार ने बताया, “पीठ ने खुली अदालत में कहा कि वह सभी याचिकाओं को खारिज कर रही है।” उन्होंने कहा, “हमें अभी इस आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। फैसला देखने के बाद ही हम कुछ और कह सकेंगे। बेशक, फैसले का तात्पर्य यह है कि राज्य सरकार सर्वेक्षण कर सकती है। हालांकि, हम इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।”

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पटना उच्च न्यायालय ने कही ये बात

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए पटना उच्च न्यायालय ने कहा कि उन्हें राज्य का यह एक्शन बिल्कुल जायज और उचित योग्यता के साथ आरंभ किया गया लग रहा है; जो 'न्याय के साथ विकास' देने के उद्देश्य को पूरा करेगा।

यह बिल्कुल वैसा है जैसा कि दोनों सदनों के संबोधन और वास्तविक सर्वेक्षण में घोषित किया गया था कि विवरणों को प्रकट करने के लिए न तो कोई दबाव डाला गया और न ही उस पर विचार किया गया और आनुपातिकता की परीक्षा उत्तीर्ण की गई। इस प्रकार व्यक्ति की गोपनीयता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ, खासकर जब से यह 'सम्मोहक सार्वजनिक हित' में आगे बढ़ रहा हो, जो वास्तव में 'वैध राज्य हित' है।

बिहार में जाति आधारित गणना

आपको बता दें कि ये सर्वे दो चरणों में पूरा किया जाएगा; पहले चरण के तहत राज्य सरकार द्वारा इस साल जनवरी में एक 'हाउजहोल्ड काउंटिंग एक्सर्साइज' की गई। इस सर्वे का दूसरा चरण 15 अप्रैल, 2023 को शुरू हुआ था और इसमें ध्यान लोगों की जाति और सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर था।

यह पूरी प्रक्रिया मई, 2023 तक पूरी होनी थी लेकिन 4 मई को उच्च न्यायालय ने इसपर रोक लगा किया था। इस मामले को लेकर बिहार सरकर उच्चतम न्यायालय गई थी लेकिन उन्होंने रोक हटाने से इनकार कर दिया। आज पटना हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई थी जहां सरकार के हित में फैसला सुनाया गया।