नई दिल्ली: मणिपुर में चल रहे हिंसा (Manipur Violence) को एक महीने से ज्यादा हो चुका है और तब से, राज्य में इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। उच्च न्यायालय ने कुछ समय पहले सरकार को राज्य में सीमित इंटरनेट सेवाओं को शुरू करने का निर्देश दिया था जिसपर अब सरकार ने अदालत को अपडेट दिया है। सरकार ने कोर्ट को बताया है कि इंटरनेट बहाली के लिए उन्होंने एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया है.
कुछ समय पहले मणिपुर उच्च न्यायालय (Manipur High Court) ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वो किसी तरह राज्य में सीमित इंटरनेट सेवाओं की पुनर्स्थापना करें। बता दें कि मणिपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश अहंतम बिमल सिंह (Justice Ahanthem Bimol Singh) और न्यायाधीश ए गुणेश्वर शर्मा (Justice A Guneshwar Sharma) की खंडपीठ को सरकार ने इस मामले पर अपडेट दिया है।
सरकार ने उच्च न्यायालय की इस खंडपीठ को बताया है कि उनके पिछले ऑर्डर को मानते हुए सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति (Expert Committee) का गठन किया है जिसमें कुल मिलाकर बारह सदस्य हैं।
यह समिति राज्य में सीमित तरह से, सोशल मीडिया वेबसाइट्स को ब्लॉक करते हुए किस तरह इंटरनेट लाया जा सकता है, इसपर काम करेगी और इस मुश्किल का समाधान निकालेगी।
राज्य की तरफ से काउंसिल ने कोर्ट में अपियर होकर यह कहा है कि राज्स का इस समिति को बनाने का उद्देश्य है उन्हें राज्य में सोशल मीडिया वेबसाइट्स को ब्लॉक करते हुए सीमित तरह से इंटरनेट सेवाओं को पुनर्स्थापित करना है।
कोर्ट को यह भी बताया गया है कि जॉइन्ट मीटिंग में समिति के सदस्य किन मुद्दों पर बात करने वाले हैं...
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार द्वारा इस एक्सपर्ट कमिटी के गठन पर मणिपुर उच्च न्यायालय ने संतोष व्यक्त किया है और उन्हें निर्देश दिया है कि सुनवाई की अगली तारीख पर वो इस मामले से जुड़े सभी मुद्दों पर एक डिटेल्ड रिपोर्ट सबमिट कर दें।
अदालत ने याचिकाकर्ता को यह निर्देश भी दिया है कि वो मणिपुर सरकार के सचिव (गृह मंत्रालय) को उन संस्थानों या सेंटर के नाम दे दें जहां नीट (NEET) और सीयूईटी (CUET) जैसे कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं होने वाली हैं, जिससे राज्य सरकार इन जगहों पर इंटरनेट सेवाएं जारी करने पर काम कर सके।