आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए आम आदमी पार्टी के नेता व पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट से राहत की गुहार लगाई है. एआईएमआईएम पार्टी के उम्मीदवार ताहिर हुसैन ने अदालत से 14 जनवरी से 9 फरवरी तक के लिए जमानत मांगी है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन पर UAPA के तहत गम्भीर आरोप है और वो जेल से भी अपना नामांकन दाखिल कर सकते है. पहले भी लोग जेल से नामांकन दाखिल करते रहे है. दिल्ली पुलिस ने अपनी दलीलों के समर्थन में अमृतपाल सिंह का उदाहरण दिया. दिल्ली हाई कोर्ट ने भी ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत की मांग पर सवाल किया कि जेल में रहते हुए भी ताहिर हुसैन नामांकन भर सकते है.
वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में भी ताहिर हुसैन ने अंतरिम जमानत की मांग के लिए अंतरिम जमानत याचिका दायर की है. ताहिर हुसैन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट अगले दिन (13 जनवरी को) करेगी. ताहिर हुसैन ने आईबी इंस्पेक्टर अंकित शर्मा के हत्या मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. ट्रायल कोर्ट ने तीन दिसंबर के दिन ताहिर हुसैन को जमानत देने से इंकार किया था. पहले, ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका जस्टिस अमित शर्मा के समक्ष सूचीबद्ध किया था, उन्होंने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. अब इस मामले की सुनवाई जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के समक्ष ले जाया गया. जस्टिस नीना बंसल कृष्ण ने समय के अभाव के चलते मामले की सुनवाई को 13 जनवरी के दिन के लिए टाल दिया है.
ताहिर हुसैन के वकील ने ज़मानत के पक्ष में दलील रखते हुए कहा कि वो मार्च 2020से जेल में बंद है. दिल्ली में नामांकन प्रकिया शुरू हो गई है. AIMIM ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. AIMIM अधिकृत पार्टी है. उन्हें हलफनामा के जरिए अपमी सम्पति का सही सही जानकारी देनी है. ताहिर के वकील ने अपनी दलीलों के समर्थन में इंजीनियर राशिद को चुनाव के लिए मिली अंतरिम ज़मानत का हवाला दिया. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट अब ताहिर हुसैन की अंतरिम ज़मानत की मांग पर आगे कल सुनवाई करेगा.
बता दें कि ताहिर हुसैन ने चुनाव प्रकिया में हिस्सा लेने और चुनाव प्रचार के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम ज़मानत की मांग की है. वो मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से AIMIM पार्टी के उम्मीदवार है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, हुसैन के खिलाफ दोनों एफआईआर में 25 फरवरी, 2020 को शाम 4 से 5 बजे के बीच दंगे में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. इसमें हुसैन की संलिप्तता और पेट्रोल बम रखने के लिए छत का उपयोग करने का आरोप है.
गौरतलब है कि 28 फरवरी, 2020 को दर्ज की गई एक एफआईआर दुकानों को जलाने को लेकर है, जबकि 26 फरवरी, 2020 को दायर की गई. वहीं दूसरा एफआईआर चांद बाग पुलिया क्षेत्र के आसपास इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या से संबंधित है. एफआईआर में पूर्व आप पार्षद पर कार्यकर्ता शरजील इमाम और उमर खालिद के साथ दंगों के पीछे बड़ी साजिश में शामिल होने का भी आरोप है, जिसके चलते उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है.