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एआईएआईएम नेता Tahir Hussain की जमानत याचिका पर Delhi HC ने पुलिस से मांगा जबाव, दिल्ली दंगे में आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या का मामला

2020 के उत्तर पूर्व दिल्ली दंगों में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या से जुड़े मामले में पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने जमानत की मांग की है. इसी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस से अपना पक्ष रखने को कहा है.

दिल्ली हाईकोर्ट, ताहिर हुसैन

Written by Satyam Kumar |Published : May 5, 2025 6:05 PM IST

आज दिल्ली हाई कोर्ट ने एआईएमआईएम नेता और पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर पुलिस की प्रतिक्रिया मांगी है. ताहिर हुसैन ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में जमानत की मांग की हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने पुलिस को नोटिस जारी कर मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई, 2025 को तय की. बता दें कि ताहिर हुसैन ने निचली अदालत के 12 मार्च, 2025 के फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.

ताहिर हुसैन की चौथी जमानत याचिका

ट्रायल कोर्ट के जज ने जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि वे इस बात से संतुष्ट नहीं थे कि आवेदक के तर्क में ऐसे महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जो पिछले अदालत के निर्णयों की पुनर्विचार की आवश्यकता को दर्शाते हैं. ताहिर हुसैन का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील के अनुसार, नवीनतम जमानत याचिका एक महत्वपूर्ण बदलाव के आधार पर दायर की गई है. आवेदक लगभग पांच वर्षों (चार वर्ष और ग्यारह महीने) से जेल में हैं. यह भी बताया गया कि हुसैन की पिछली जमानत याचिका के खारिज होने के बाद, प्रमुख गवाहों ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया. इसके अलावा, उन्होंने यह तर्क दिया कि हुसैन का मामला सह-आरोपी व्यक्तियों, जैसे हसीन उर्फ मुल्लाजी और समीर खान, के मुकाबले तुलनात्मक रूप से मजबूत है, जो हत्या के आरोपी हैं और जिन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.

ट्रायल कोर्ट ने यह भी देखा कि यह आवेदक मोहम्मद ताहिर हुसैन की ओर से दायर की गई चौथी जमानत याचिका थी. आवेदक की पहली जमानत याचिका को 13 जुलाई 2020 को कोर्ट ने खारिज किया था. दूसरी जमानत याचिका 3 दिसंबर 2024 को अस्वीकृत की गई थी. तीसरी जमानत याचिका को 20 फरवरी 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा वापस ले लिया गया और बाद में खारिज कर दिया गया.

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क्या है मामला?

26 फरवरी 2020 को, शिकायतकर्ता रविंदर कुमार ने दयालपुर पुलिस को सूचित किया कि उनका बेटा, अंकित शर्मा, जो एक इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी था, 25 फरवरी से लापता है. बाद में स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि एक हत्या की गई व्यक्ति को चांद बाग में एक मस्जिद से खजूरी खास नाले में फेंका गया है. अभियोजन पक्ष ने कहा कि शर्मा का शव नाले से 51 चोटों के साथ बरामद किया गया.

हुसैन अन्य चार लोगों के साथ आरोपियों में शामिल हैं, जो कथित तौर पर दंगों और आगजनी में शामिल थे, जो शर्मा की मौत का कारण बनी. 24 फरवरी 2020 को पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के बाद साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे, जिसके परिणामस्वरूप 53 लोगों की मौत और कई अन्य घायल हुए.