खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने फैसला सुनाया है कि खिलाड़ियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी वजन सीमा से कम वजन वाले खिलाड़ी ही खेलें और किसी भी परिस्थिति में उन्हें कोई छूट नहीं दी जा सकती. साथ ही न्यायालय ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील को खारिज करने के कारण भी बताया.
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS, सीएएस) ने विनेश फोगाट की अपील खारिज करते हुए कहा कि उनका वजन तय सीमा से अधिक था, इसे लेकर किसी पक्ष में कोई विवाद नहीं है. साथ ही खेल नियमों के अनुसार, वजन मापन की प्रक्रिया कानून अपने आप में दंडात्मक है. जहां भारतीय खिलाड़ी से इसे सहानुभूति दिखाई जा सकती थी.
सीएएस ने कहा,
"इस बात पर कोई विवाद नहीं है कि आवेदक का वजन सीमा से अधिक था. उसने सुनवाई के दौरान स्पष्ट रूप से और सीधे तौर पर उपरोक्त साक्ष्य दिए। उसका मामला यह है कि अतिरिक्त मात्रा 100 ग्राम थी और इस पर सहनशीलता लागू होनी चाहिए क्योंकि यह एक छोटी सी अतिरिक्त मात्रा है और पीने के पानी जैसे कारणों से समझा जा सकता है, विशेष रूप से मासिक धर्म से पहले के चरण के दौरान."
सीएएएस ने आगे बताया कि एथलीट का वजन दूबारा से मापा गया, जब एथलीट का वजन 50 किलोग्राम की वजन सीमा से 150 ग्राम अधिक था. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग इंटरनेशनल रेसलिंग रूल्स 2023 ("नियम") के अनुसार, उसने 15 मिनट बाद फिर से वजन मापा और उसका वजन 50 किलोग्राम की सीमा से 100 ग्राम अधिक था. विनेश (भारत) दूसरे दिन वजन में असफल रहीं. अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती नियमों के अनुच्छेद 11 के अनुसार, विनेश विनेश (भारत) की जगह सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली पहलवान को दिया गया.
सीएएएस ने अपने वजन मापन की प्रक्रिया में शामिल नहीं होने पर भी अपना फैसला सुनाया.
सीएएस ने कहा,
"यदि कोई एथलीट वजन-मापन (पहला या दूसरा वजन-मापन) में शामिल नहीं होता है या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा."
अपनी अपील में विनेश ने मांग की थी कि उन्हें क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुज़मान लोपेज़ के साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए, जो सेमीफाइनल में उनसे हार गई थीं. हलांकि सीएएएस ने उक्त टिप्पणी के साथ विनेश फोगाट की अपील खारिज कर दी.