2019 में CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान जामिया इलाके में हुई हिंसा का मामले में शरजील इमाम ने निचली अदालत में आरोप तय किए जाने के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी. वहीं, साकेत कोर्ट ने 7 मार्च को शरजील इमाम समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे. साकेत कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शरजील इमाम इस केस में मुख्य साजिशकर्ता था. उसकी स्पीच गुस्सा और नफरत फैलाने वाली थी, जिसका नतीजा स्वभाविक तौर पर सड़क पर बड़े पैमाने पर फैली हिंसा के रूप में सामने आया.
बारामूला से सांसद और टेरर फंडिंग केस में आरोपी इंजीनियर राशिद ने एक बार फिर दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. सांसद राशिद ने कोर्ट में दायर अर्जी में कहा है कि केंद्र सरकार उनको तिहाड़ जेल से संसद ले जाने के खर्च के रूप में हर रोज़ 1.4 लाख रुपये की मांग कर रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कल राशिद इंजीनियर को 26 मार्च से 4 अप्रैल तक के लिए संसद सत्र में शामिल होने की इजाज़त दे दी थी, लेकिन कोर्ट ने शर्त यह लगाई थी कि इस दरमियान हर रोज़ तिहाड़ से संसद ले जाने का खर्च राशिद इंजीनियर को ख़ुद वहन करना होगा. अब राशिद इंजीनियर ने इस शर्त को हटाने की मांग के साथ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई कल करेगा.
दिल्ली दंगों मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 12 आरोपियों को बरी किया है. यह मामला एफआईआर (FIR) नंबर 102/20 में हमजा नाम के लड़के के हत्या के मामले से जुड़ा था, जिसे कथित तौर पर 25 फरवरी 2020 के दिन जौहरी पुलिया पर हत्या कर नाले में फेका गया था. हत्या का आरोप 12 लड़कों पर था, जिन्हें हिंदू संगठन के सदस्य बनाया गया. इस ग्रुप के सदस्यों पर 9 हत्या का आरोप लगा था, जिसमें एक हमजा का हत्या का मामला भी था. उस मामले भी 12 आरोपी लड़के बरी हुए थे. उस मामले में उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बरी किया था.
सोमनाथ भारती ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर मालवीय नगर विधानसभा सीट से भाजपा नेता सतीश उपाध्याय की जीत को चुनौती दी है. मालवीय नगर सीट पर बीजेपी नेता सतीश उपाध्याय को 39,564 वोट मिले थे, जबकि भारती को 37,433 मत मिले थे. भारती ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 'भ्रष्ट आचरण' के आधार पर उपाध्याय की जीत को चुनौती दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उपाध्याय के खिलाफ एक शिकायत या प्राथमिकी लंबित है.
दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस जसमीत सिंह ने मामले को सुना. उपाध्याय के वकील ने प्राथमिकी लंबित होने के दावे का खंडन किया. दिल्ली हाई कोर्ट ने भारती से कहा, "आप कह रहे हैं कि एक शिकायत लंबित है. अगर आप कहते हैं कि आप पूरी तरह से कंफर्म हैं, तो कृपया निश्चिंत हो जाइए. इसलिए मैं आपको समय दे रहा हूं. अगर यह लंबित नहीं है, तो आप हलफनामे में झूठा बयान दे रहे हैं."
अदालत ने स्पष्ट किया कि यह कोई 'मछली पकड़ने वाली जांच' नहीं हो सकती. क्योंकि यह मामला जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत है, प्रतिवादी एक चुने हुए जनप्रतिनिधि है.अदालत ने सोमनाथ भारती से बीजेपी नेता सतीश उपाध्याय के खिलाफ लंबित आपराधिक शिकायत के बारे में स्पष्टता मांगी और मामले को 8 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया.