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Delhi Excise Policy Scam: सुप्रीम कोर्ट 4 सितंबर को करेगा Manish Sisodia की जमानत याचिका पर सुनवाई

मनीष सीसोदिया पिछले काफी समय से दिल्ली आबकारी नीति मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं और दिल्ली उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। बता दें कि आप नेता ने उच्चतम न्यायालय में जो जमानत याचिका दायर की है, उसमें सुनवाई की तारीख आगे बढ़ गई है...

Supreme Court - Manish Sisodia

Written by Ananya Srivastava |Updated : August 4, 2023 11:22 AM IST

नई दिल्ली: दिल्‍ली आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्‍टाचार और धन शोधन मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) सुनवाई की तारीख आगे बढ़ गई है।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) और एस.वी.एन. भट्टी (Justice SV Bhatti) की पीठ अंतरिम जमानत की अर्जी पर 4 अगस्त को यानी आज सुनवाई करने वाली थी।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े उन दो मामलों में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिकाओं पर वो सुनवाई चार सितंबर को करेगा जिनकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कर रहे हैं।

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समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार अदालत ने याचिका पर 14 जुलाई को नोटिस जारी कर वरिष्ठ आप नेता द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सीबीआई और ईडी से जवाब मांगा था। इसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें क्रमशः सीबीआई और ईडी की जांच के अधीन मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से उनको उनकी बीमार पत्नी से मिलने के लिए अंतरिम जमानत देने का आग्रह किया था। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 जुलाई को ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के सिलसिले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि वह जमानत की शर्तों को पूरा नहीं करते।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने इसी घोटाले से संबंधित सीबीआई मामले में यह देखते हुए कि उनके खिलाफ आरोप बहुत गंभीर थे, उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस साल 26 फरवरी को सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार किया था।