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Supreme Court ने Delhi HC के इन सेवानिवृत्त न्यायाधीश को DERC के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में किया नियुक्त

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच झड़प अभी जारी है जिसके चलते दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति रुकी हुई है। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, जस्टिस जयंत नाथ को DERC के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर दिया है...

Supreme Court Appoints Delhi HC Retd Justice Jayant Nath as Temporary DERC Chairman

Written by Ananya Srivastava |Published : August 5, 2023 10:13 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (Delhi Regulatory Electricity Committee) के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में जारी खींचतान के बीच उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के पूर्व न्यायाधीश जयंत नाथ (Justice Jayant Nath) को आयोग का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया।

मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल तथा मुख्यमंत्री, न्यायमूर्ति नाथ के साथ मशविरा करके उनका मानदेय तय करेंगे।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार पीठ ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की ओर से पेश वकीलों की उन दलीलों का संज्ञान लिया कि दोनों पक्षों ने डीईआरसी के अध्यक्ष पद के लिए किसी पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने का आग्रह किया है।

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पीठ ने कहा, ‘‘तदनुसार, हम दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जयंत नाथ से आग्रह करते हैं कि वह डीईआरसी के अध्यक्ष पद के दायित्वों का निर्वहन करें।’’ दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से कहा कि यह उचित होगा कि शीर्ष अदालत इस पद के लिए दोनों पक्षों की ओर से बताये गये नामों का खुलासा न करे और किसी को भी नियुक्त कर दे।

सिंघवी ने कहा, ‘‘न्यायाधीश महोदय जिसे भी पसंद करते हैं उन्हें नियुक्त कर दिया जाए।’’ इस पर उपराज्यपाल के वकील ने भी सहमति जताई। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘चूंकि यह अंतरिम नियुक्ति है इसलिए (न्यायमूर्ति नाथ का) मानदेय उपराज्यपाल से मशविरा करके निर्धारित किया जाना चाहिए।’’

शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि वह तदर्थ आधार पर संक्षिप्त समय के लिए डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी, जब तक कि ऐसी नियुक्ति करने की उपराज्यपाल की शक्ति को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला नहीं हो जाता।

न्यायालय ने इस बात पर क्षोभ जताया था कि ''अध्यक्षविहीन'' संस्था की किसी को परवाह नहीं है। डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के बीच गतिरोध बने रहने के बीच, शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह कुछ होमवर्क करेगी और किसी को संक्षिप्त अवधि के लिए इस पद पर नियुक्त करेगी।