CJI DY Chandrachud: हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक अदालत के निर्माण की आधारशिला रखी है. इस दौरान सीजेआई ने अदालत परिसर की महत्ता बताते हुए कहा कि सभी भवनों की तरह अदालतों के परिसर केवल ईंटों और कंक्रीट से नहीं बने होते, बल्कि आशा और न्याय तथा कानून के शासन के गुणों को साकार करने से बने होते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने यह बात कड़कड़डूमा, शास्त्री पार्क और रोहिणी सेक्टर-26 में न्यायालय भवनों के निर्माण के लिए आधारशिला रखने के समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए की.
सीजेआई ने कहा,
"सभी इमारतों की तरह न्यायालय परिसर भी सिर्फ़ ईंटों और कंक्रीट से नहीं बने होते. वे उम्मीदों से बने होते हैं. न्यायालय न्याय और कानून के शासन के गुणों को समझने के लिए बनाए गए हैं. हमारे सामने जो भी मामला दायर किया जा रहा है, वह न्याय की इसी उम्मीद के साथ है. जब हम अपने न्यायाधीशों, वकीलों और वादियों की सुरक्षा, पहुँच और आराम में निवेश करते हैं, तो हम सिर्फ़ एक कुशल प्रणाली ही नहीं बनाते - हम एक न्यायपूर्ण और समावेशी प्रणाली बनाते हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि ये GRIHA-रेटेड इमारतें हरियाली से भरपूर होंगी और इनमें छायादार अग्रभाग होगा, इमारतों के अंदर प्राकृतिक सूर्य की रोशनी का प्रसार होगा और अन्य पर्यावरणीय उपायों के अलावा वर्षा जल संचयन भी होगा.
सीजेआई ने आगे कहा,
"इस साल दिल्ली में सबसे ज़्यादा गर्मी रिकॉर्ड की गई। हमने एक ही दिन में दो बार हीटवेव और उसके बाद रिकॉर्ड तोड़ बारिश का सामना किया. एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि हम अपने दैनिक जीवन में हरित जीवनशैली को शामिल करें, जिसमें कार्बन उत्सर्जन को कम करना शामिल है. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि नई इमारतें हीट आइलैंड शमन और पर्यावरण पदचिह्न को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी."
सीजेआई ने आगे कहा कि हम जिन इमारतों को देखने के लिए उत्सुक हैं, उनमें बहुत कुछ है. सबसे पहले, वे दिल्ली के एनसीटी में सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्राधिकारों में से एक में काम करने के लिए अदालत की क्षमता का विस्तार करेंगे. वे केस बैकलॉग को कम करेंगे और सभी हितधारकों को एक सम्मानजनक वातावरण प्रदान करेंगे.