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राम मंदिर, न्यायपालिका में अपर कास्ट और राजनीतिक प्रभाव... पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने नए इंटरव्यू में सभी जबाव दिए

इंटरव्यू में विपक्षी नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टी  सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल अपने हितों को साधने के लिए कर रही है. आइये जानतें हैं कि पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने क्या जबाव दिया है.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

Written by Satyam Kumar |Published : February 13, 2025 4:24 PM IST

Former CJI Dy Chandrachud: हाल ही में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिया, जिसमें एंकर ने 'जस्टिस' से तमाम तीखे सवाल किए. राम मंदिर का फैसला सुनाने से पहले वे देवता के सामने क्यों बैठे? भारतीय अदालत में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कहां दिखता है. एंकर ने कहा कि भारतीय न्यायपालिक में अपर कास्ट, परिवारवाद के ट्रेंड को भी उठाया. साक्षात्कारकर्ता ने विपक्षी नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टी  सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल अपने हितों को साधने के लिए कर रही है. आइये जानते हैं कि पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एंकर के बार-बार टोकने पर भी कितनी संयमित भाव से उनके हर सवालों के जबाव दिए.

क्या मैंने वह हासिल किया, जो सोचा था

सबसे पहले, यह इंटरव्यू बीबीसी के एंकर स्टीफन सैकुर (Stephan Sackur) ने लिया है. 23 मिनट का है. एंकर सबसे पहले सीजेआई के विदाई समारोह में कहे बयान को आधार बनाते हुए पूछा कि आपके कहने का क्या मतलब था कि मैं सोच रहा हूं कि क्या मैंने वह सब हासिल किया है, जो मैने सोचा था. जबाव देते हुए सीजेआई कहते हैं कि कई जबाव हो सकते हैं, लेकिन एक सीजेआई के तौर पर हम देश की सबसे बड़ी संवैधानिक और अपीलीय अदालत के हेड होते हुए हमें मुकदमों की निपटारे और हमारे फैसले संविधान के अनुरूप फैसला देना होता है.

हिंदू, मेल, अपर कास्ट आदमी, वंशवाद

दूसरा सवाल लीगल सिस्टम के एक पैटर्न को मोटे तौर निर्धारित करते हुए एंकर ने कहा कि भारतीय लीगल सिस्टम में की बात करें तो उसमें एलीट, हिंदू अपर कास्ट मेल की बहुलता है, आपको ही देखे, तो आपके पिता भी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया भी रह चुके हैं. क्या यह डाइनेस्टी को नहीं दिखाता है?

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सीजेआई ने आकलन से इंकार करते हुए कहा कि अब हमारे ज्यूडिशियल सिस्टम में 50% तक महिलाओं की बहाली हो रही है. हुआ ये कि आज की बड़ी न्यायपालिका आज से 20 साल पहले की झलक है. हाल के दिनों महिलाओं का रूझान लीगल एजुकेशन की ओर काफी बढ़ा है. आपको लॉ कॉलेज में जेंडर बैलेंस दिखेगा, जो डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी में भी दिखेगा. सीजेआई ने आगे कहा, जहां तक बात ज्यूडिशियरी में वंशवाद की है. मेरे पिता ने प्रैक्टिस करने पर तब तक रोक लगा रखी थी, जब तक वह बेंच में थे. इसलिए मैंने तीन साल मैंने हावर्ड लॉ स्कूल में पढ़ाई करी. वंशवाद की बात, अधिकांश जज वहीं जो लीगल जर्नलिस्ट में पहली बार आए हैं. वहीं, महिलाओं की भागीदारी भी जल्द ही दिखेगी.

सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से निष्पक्ष

एंकर ने अगला सवाल न्यायपालिका और राजनीति के रिलेशनशिप पर सवाल किया, जिसमें उसने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट का प्रयोग सत्ताधारी पार्टी अपने हितों को पूरा करने के लिए कर रही है. उदाहरण के तौर पर जब गुजरात के एक हाई कोर्ट ने नेता प्रतिपक्ष के मानहानि का मुकदमा में हुए सजा को बरकरार रखा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर आपने ही रोक लगाया था, दिखाता है कि भारत में न्यायपालिका, कहीं ना कहीं पॉलिटिक्स से प्रभावित होती है.

इस दौरान सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 21,300 जमानत याचिकाओं का निपटारा किया है. सीजेआई ने कहा कि मैं किसी नेता का नाम नहीं लूंगा, जिन्हें देश के सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट हमेशा यह सुनिश्चित करता है कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन हो क्योंकि उच्च न्यायालयों को सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि हम यहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए है. इस दौरान एंकर ने न्यूयॉर्क टाइम्स की लोकसभा चुनाव के समय का एक रिपोर्ट का हवाला दिया, कि सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल विरोधियों को निशाना बनाने के हो रहा है. सीजेआई ने रिपोर्ट खारिज किया, साथ ही 2024 के आम चुनाव के परिणाम ने उन दावों को गलत साबित किया है कि देश वन पार्टी-वन नेशन की ओर बढ़ रहा है.

इंटरव्यू में पूर्व सीजेआई मुस्लिम लोगों के साथ व्यवहार, अयोध्या मंदिर पर पूछे गए सवाल के स्पष्टता के साथ नैरेटिव के साथ तैयार किए गए सवालों के जबाव दिए.