कॉमेडियन कुणाल कामरा (Comedian Kunal Kamra) के पॉलिटिकल सटायर के वायरल होने के बाद 23 मार्च के दिन उस शो वेन्यू हैबिटेट क्लब में तोड़फोड़ की गई थी. शो वेन्यू में तोड़फोड़ करने के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आज बांद्रा की जिला अदालत ने इन आरोपियों को राहत पर्सनल बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी है. पहले अदालत ने इन आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया. इसके बाद आरोपियों ने अदालत से जमानत की मांग की. अदालत ने सरकार और आरोपियों की दलीलों को सुनने के बाद आरोपियों को 15,000 के पर्सनल बॉन्ड पर जमानत दी है. सूत्रों के अनुसार, यह घटना शिवसैनिकों की ओर से प्रतिक्रिया के तौर पर आई, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को कथित तौर पर 'गद्दार' कहा गया था.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सोमवार को हैबिटेट क्लब पहुंचा. निगम क्लब के अवैध हिस्से को ध्वस्त कर सकता है. हैबिटेट क्लब में ही कुणाल कामरा ने प्रस्तुति दी थी, जो खार पुलिस थाना के अंतर्गत आता है. सोमवार को स्टुडिओ के अंदर बीएमसी के अधिकारी दाखिल हुए. अवैध हिस्से पर कार्रवाई हो सकती है. इस बीच, बढ़ते विवाद को लेकर 'द हैबिटेट क्लब' ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया और क्लब अस्थायी रूप से बंद करने की जानकारी दी है. रविवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ की घटना के बाद हैबिटेट की प्रतिक्रिया सामने आई. क्लब ने तोड़फोड़ को लेकर बयान में कहा, “हम हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर स्तब्ध और चिंतित हैं. कलाकार अपने विचारों और रचनात्मकता के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं. हमारा इससे कोई भी संबंध नहीं है. हम कभी भी किसी कलाकार के कंटेंट में शामिल नहीं रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने हमें इस बारे में फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है कि हमें हर बार दोषी बनाकर निशाना बनाया जाता है, जैसे कि हमने ही कंटेंट तैयार किया हो."
क्लब ने बताया, “केवल एक मंच प्रदान करने से लोगों को अपनी रचनात्मकता को खोजने, अपनी प्रतिभा को विकसित करने और नया करियर खोजने में मदद मिलती है. मंच तब तक कलाकार का होता है, जब तक वह उस पर होता है. कलाकार अपने कंटेंट खुद बनाते हैं, उनके शब्द, भाव सब कुछ उनके अपने होते हैं. हम किसी भी तरह की नफरत या नुकसान का समर्थन नहीं करते हैं. हिंसा कला और संवाद की मूल भावना को कमजोर करते हैं."
अपनी जोक के कारण विवादों में फंसे कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने हैबिटेट क्लब में हुई तोड़फोड़ की निंदा भी की है. वहीं, उन्होंने माफी मांगने से इंकार किया है. कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर जारी अपने बयान में हैबिटेट क्लब में तोड़फोड़ की निंदा की है. उन्होंने कहा कि शो वेन्यू केवल एक मंच है. सभी प्रकार के शो के लिए एक जगह है. हैबिटेट (या कोई अन्य स्थल) मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है, न ही उसके पास इस बात पर कोई शक्ति या नियंत्रण है कि मैं क्या कहता या करता हूं. न ही कोई राजनीतिक दल ऐसा करता है."
कामरा ने आगे कहा,
"किसी कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी आयोजन स्थल पर हमला करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है, जितना टमाटर ले जा रही एक ट्रक को इसलिए पलट देना, क्योंकि परोसा गया बटर चिकन आपको पसंद नहीं आया."
उन्हें मिल रही धमकियों को लेकर कामरा ने कहा,
"भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे अधिकार का उपयोग केवल शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, भले ही आज का मीडिया हमें अन्यथा विश्वास दिलाए. एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक को बर्दाश्त न कर पाने की आपकी अक्षमता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती. जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक व्यवस्था के सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के विरुद्ध नहीं है. हालांकि, मैं अपने खिलाफ की गई किसी भी कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने को तैयार हूं."
उन्होंने आगे लिखा, "लेकिन, क्या कानून उन लोगों के खिलाफ निष्पक्ष और समान रूप से लागू होगा, जिन्होंने यह तय किया है कि किसी मजाक से आहत होने पर तोड़फोड़ करना उचित प्रतिक्रिया है? और बीएमसी के उन अनिर्वाचित सदस्यों के खिलाफ, जो आज बिना किसी पूर्व सूचना के हैबिटेट पहुंचे और हथौड़ों से जगह को तोड़ दिया? शायद अपने अगले स्थान के लिए, मैं एलफिंस्टन ब्रिज या मुंबई में किसी अन्य संरचना का चयन करूंगा, जिसे शीघ्र ध्वस्त करने की आवश्यकता है." कामरा ने लिखा, "जो लोग मेरा नंबर लीक करने या मुझे लगातार कॉल करने में व्यस्त हैं, मुझे यकीन है कि अब तक आपको एहसास हो गया होगा कि सभी अज्ञात कॉल मेरे वॉयसमेल पर जाते हैं, जहां आपको वही गाना सुनाया जाएगा, जिससे आप नफरत करते हैं." कॉमेडियन ने माफी नहीं मांगने की बात कही. उन्होंने कहा, "मैं माफी नहीं मांगूंगा. मैंने जो कहा वह बिल्कुल वही है जो अजित पवार (प्रथम उपमुख्यमंत्री) ने एकनाथ शिंदे (द्वितीय उपमुख्यमंत्री) के बारे में कहा. मुझे इस भीड़ से डर नहीं लगता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छिपकर इस घटना के शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा.
(खबर एजेंसी इनपुट के आधार पर लिखी गई है)