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Coal Scam Case: झारखंड के पूर्व CM मधु कोड़ा की याचिका पर दिल्ली HC ने सुरक्षित रखा फैसला, आगामी चुनाव लड़ने के लिए दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग

दिल्ली HC ने कोयला घोटाला मामले में मधु कोड़ा की सजा पर रोक लगाने की मांग याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. याचिका में मधु कोड़ा ने यह मांग आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए की है. सीबीआई ने याचिका का विरोध किया है. कोयला ब्लॉक आवंटन में भ्रष्ट आचरण के लिए कोड़ा और अन्य को तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. वे फिलहाल जमानत पर हैं.

Written by Satyam Kumar |Published : September 4, 2024 11:22 AM IST

Coal Scam Case:मंगलवार (2 सितंबर, 2024) को दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है.याचिका में मधु कोड़ा ने कोयला घोटाला मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकें. वहीं मामले की जांच करने वाले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मांग का विरोध किया. हुए कहा कि कोड़ा द्वारा दायर एक समान आवेदन मई 2020 में खारिज कर दिया गया था और उसी राहत की मांग करने वाली उनकी नई याचिका विचारणीय नहीं है.

सीबीआई ने 'सजा पर रोक' की मांग का किया विरोध, जानें क्या कहा?

सीबीआई ने झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा की मांग का विरोध किया. सीबीआई ने कहा कि मधु कोड़ा ने पिछली बार अदालत से ऐसी ही मांग की थी जिसे खारिज कर दिया गया था. तब उन्होंने इस फैसले के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की थी. सीबीआई ने दावा किया अदालत बार-बार राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने की बात कहती है, ये मामला बिल्कुल ऐसा ही है.

सीबीआई ने कहा,

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“इस अदालत ने राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए है. इस सिद्धांत के अनुसार अदालत को आवेदन को खारिज कर देना चाहिए. प्रासंगिक रूप से, इस फैसले को चुनौती देने वाली कोई अपील दायर नहीं की गई थी.”

कोड़ा ने अदालत से 2024 के झारखंड राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दोषसिद्धि के 13 दिसंबर, 2017 के आदेश को निलंबित करने का आग्रह किया.

कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए.के. बसु और कोड़ा के करीबी सहयोगी विजय जोशी को झारखंड में राजहरा उत्तर कोयला ब्लॉक को कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने और आपराधिक साजिश रचने के लिए निचली अदालत ने तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी.

क्या कहता है जनप्रतिनिधि अधिनियम?

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने और कम से कम दो साल की जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को तुरंत सांसद, विधायक या राज्य विधान परिषद (MLC) के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. जेल से रिहा होने के बाद भी व्यक्ति छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है.

मधु कोड़ा को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत दे दी गई थी.

Madhu K