नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की फीडबैक इकाई (FBU) से जुड़े एक मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. एजेंसी ने सिसोदिया, 1992 बैच के आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी सुकेश कुमार जैन (जो उस समय सतर्कता सचिव थे), सेवानिवृत्त केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के उप महानिरीक्षक (DIG) राकेश कुमार सिन्हा के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
सिन्हा, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विशेष सलाहकार और एफबीयू में संयुक्त निदेशक के रूप में काम कर रहे थे. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि इनके अलावा खुफिया ब्यूरो के पूर्व संयुक्त उप निदेशक प्रदीप कुमार पुंज (जो फीडबैक इकाई के उप निदेशक के रूप में कार्यरत थे) सीआईएसएफ के सेवानिवृत्त सहायक कमांडेंट सतीश खेत्रपाल (जो फीडबैक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे) और गोपाल मोहन (केजरीवाल के भ्रष्टाचार रोधी सलाहकार) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
सिसोदिया को पहले सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया और अभी वह जेल में हैं.
सीबीआई ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों, स्वायत्त निकायों, संस्थानों के कामकाज के बारे में प्रासंगिक जानकारी तथा कार्रवाई योग्य प्रतिक्रिया एकत्र करने और किसी को ‘‘फंसाने की मंशा’ से 2015 में फीडबैक इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था.
एजेंसी ने कहा कि वर्ष 2016 में गोपनीय सेवाओं पर होने वाले खर्च के मदद से एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में मंत्रिमंडल की एक बैठक में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन इसका मकसद उसमें स्पष्ट नहीं किया गया.
फीडबैक इकाई में नियुक्तियों के लिए उपराज्यपाल से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी. सीबीआई ने दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग के एक खुलासे पर जांच शुरू की. सतर्कता विभाग ने फीडबैक इकाई में अनियमितताओं का पता लगाया था.