कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High court) ने गुरूवार के दिन एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई की. याचिका (पीआईएल) में 22 जनवरी को 'ड्राई डे' घोषित करने की मांग की. जिसका आधार राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को देखते हुए किया गया. हालांकि, हाईकोर्ट ने 22 जनवरी को ड्राई डे मानने से इंकार किया. और जनहित याचिका को खारिज कर दी.
कोर्ट ने PIL की खारिज
जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने 22 जनवरी को ड्राई डे मानने से इंकार किया. कोर्ट ने कहा कि यह एक राज्य की नीति से जुड़ा मामला है, जिसमें हमें हस्तक्षेप करना चाहिए. कोर्ट ने यह बात एक जनहित याचिका 'नाजिया एलहाई बनाम पश्चिम बंगाल राज्य' (Nazia Elhai Khan VS State of West Bengal) की सुनवाई करते हुए कही.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बताया कि, 22 जनवरी को ड्राई-डे घोषित करने की मांग से पहले आपको उन अधिनयम को चुनौती देनी होगी, जो शराब लाइसेंस (Liquor License) से जुड़ा है. जो इस क्षेत्र में व्यापार करने की अनुमति देते है. ऐसा कहकर कोर्ट ने इस मांग को मानने से इंकार कर दिया.
सुनवाई के दौरान, जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा ध्यान में रखकर 22 जनवरी को 5 राज्यों ने ड्राई को घोषित किया है. बता दें कि भारत के पांच राज्यों ने 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए अपने सीमा-क्षेत्र के अंदर ड्राई-डे घोषित किया है. वे पांच राज्य है, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश. साथ ही इन राज्यों ने 22 जनवरी को सरकारी छुट्टी भी घोषित की है.
वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा, "यह काफी अजीब है. सिर्फ कुछ राज्य ने 22 जनवरी को ड्राई डे घोषित किया है, इसलिए बंगाल सरकार को भी ऐसा करने के लिए दबाव दिया जाए".
(ये कॉपी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे सत्यम कुमार ने लिखी है.)