कलकत्ता उच्च न्यायालय की पोर्ट ब्लेयर सर्किट पीठ ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की राजधानी का नाम बदलने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए कहा है कि यह कार्यपालिका का विशेषाधिकार है. केंद्र सरकार ने 13 सितंबर को पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम कर दिया था.
जस्टिस रवि कृष्ण कपूर और प्रसेनजीत बिस्वास की पीठ ने नाम बदलने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया, क्योंकि यह कार्यपालिका का विशेषाधिकार है. न्यायालय ने कार्यपालिका के विशेषाधिकार को उजागर करने के लिए बम्बई का नाम बदलकर मुंबई किये जाने का हवाला दिया.
जिसके बाद याचिकाकर्ता अधिवक्ता पी. मोहन लाल ने बाद में याचिका वापस ले ली.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि जहां पहले का नाम औपनिवेशिक विरासत वाला था, वहीं श्री विजयपुरम (नया नाम) भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मिली जीत और इसमें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की अद्वितीय भूमिका को दर्शाता है.
देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।
‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को… — Amit Shah (@AmitShah) September 13, 2024
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात की जानकारी ट्वीटर पोस्ट के माध्यम से दी.