दो महिला सिविक वॉलंटियर ने पुलिस कस्टडी में उनके साथ की गई बदसलूकी की जांच कराने की मांग की है (Two woman accused Kolkata Police's Sub inspector of molestation in police cutody). मांग को लेकर महिलाओं ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. महिलाओं ने कथित आरोप लगाते हुए कहा कि वे डॉक्टर रेप-मर्डर की घटना से जुड़ी प्रदर्शन रैली में शामिल हुई थी, जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और कस्टडी में रखने के दौरान कलकत्ता पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर उनके साथ बदसलूकी की.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस कथित आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं (महिलाएं) ने हिरासत के दौरान पुलिस पर शारीरिक यातना का आरोप लगाया है, जबकि जेल अधिकारी की रिपोर्ट में उनमें से एक पर इस तरह के बात सामने आई है.
कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने सीबीआई को निर्देश दिया कि जांच एजेंसी 8 से 11 सितंबर तक पुलिस हिरासत के दौरान महिला के साथ की गई कथित शारीरिक यातना की जांच करें. अदालत ने कहा कि मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्णय हिरासत में यातना के गंभीर आरोपों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर आधारित है.
आदेश पारित करते हुए जस्टिस भारद्वाज ने राज्य सरकार को याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के विरोध में चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने और याचिकाकर्ताओं द्वारा एक सप्ताह के भीतर इसका जवाब देने का निर्देश दिया. अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी को 15 नवंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. वहीं कलकत्ता हाईकोर्ट इस मामले को 18 नवंबर को अगली सुनवाई करेगी.
दोनों याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर की जा रही शांतिपूर्ण रैली में भाग लिया था, जिस दौरान उसे हिरासत में लिया गया था. हिरासत में रखने के दौरान एक सब-इंस्पेक्टर ने इन महिलाओं को प्रताड़ित किया था. कलकत्ता पुलिस ने आरोपी सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की है.
(खबर पीटीआई इनपुट के आधार पर है.)