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बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिकाएं: SC ने कहा कि वह जो भी दिशा निर्देश लागू करेगा, वह पूरे भारत में होंगे लागू, फैसला रिजर्व

बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि वे बुलडोजर एक्शन को लेकर जो भी दिशानिर्देश जारी करेगा और वो पूरे देश में एकसमान रूप से लागू होंगे.

FILE : Supreme Court of India in New Delhi

Written by Satyam Kumar |Published : October 1, 2024 1:13 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, सभी नागरिकों के लिए दिशा निर्देश तैयार करेंगे (Supreme Court's guidelines On Bulldozer Action). सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपने आदेश में यह स्पष्ट करेंगे कि हमारे आदेश से किसी तरह से सरकारी संपत्ति के अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने पर किसी तरह का रोक नहीं लगाएगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाया है.

सरकारी संपत्तियों के अतिक्रमण मामले में Bulldozer Action पर रोक नहीं!

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्नाथन की खंडपीठ ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि वे बुलडोजर एक्शन को लेकर जो भी दिशानिर्देश जारी करेगा और वो पूरे देश में एकसमान रूप से लागू होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी जमीन पर किसी भी अवैध तरीके से किए गए निर्माण की रक्षा करने नहीं जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर रहे हैं कि संपत्ति ध्वस्त किए जाने का आधार यह नहीं हो सकता कि कोई व्यक्ति आरोपी या दोषी है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि उसके आदेश से किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वालों को मदद न मिले.

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सिर्फ आरोपी.. दोशी होने पर भी किसी का घर नहीं गिरा सकते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गवई की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. जस्टिस ने कहा कि महज किसी के आरोपी होने पर उसका घर कैसे गिराया जा सकता है! यहां तक कि उसके दोषी साबित होने पर भी यूँ ही उसका घर नहीं गिराया जा सकता. सुप्रीम के पहले निर्देशों के बावजूद सरकार के रुख में हमे कोई बदलाव नजर नहीं आता.

बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने को लेकर याचिका

बुलडोजर जस्टिस के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों के घरों पर सरकारों द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक की मांग की गई है. याचिका में दावा किया गया है कि समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाने और खौफजदा करने के मकसद से राज्य सरकारें उनके घर-संपत्ति पर बुलडोजर चलाने को बढ़ावा दे रही हैं. शासन और प्रशासन पीड़ितों को अपने बचाव के लिए कानूनी उपाय करने का मौका ही नहीं देते हैं, फौरन सजा देने के लिए बुलडोजर चलवा देते हैं. याचिका में में हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बुलडोजर चलाने की घटनाओं का हवाला दिया गया है. अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप भी लगाया गया है.