Advertisement

राजनीतिक मतभेद के चलते कर दी सहपाठी की मॉब-लिचिंग, बंग्लादेश हाई कोर्ट ने 20 छात्रों की मौत की सजा को रखा बरकरार

हाई कोर्ट ने 2019 में साथी छात्र अबरार फहाद की उसके राजनीतिक विचारों के कारण हत्या करने वाले 20 बीयूईटी छात्रों के लिए ट्रायल कोर्ट के मौत की सजा के फैसले को बरकरार रखा है.

फांसी की सजा

Written by Satyam Kumar |Published : March 17, 2025 12:47 PM IST

बंग्लादेश के एक हाई कोर्ट ने रविवार को मॉब-लिचिंग से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने 20 छात्रों को फांसी की सजा को बरकारर रखा है. यह सभी आरोपी बांग्लादेश यूनिवक्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (BUET) के छात्र हैं. इन सभी पर आरोप है कि 2019 में उन्होंने अपने एक साथी छात्र, अबरार फहाद, की हत्या की थी. यह हत्या फहाद के राजनीतिक विचारों (Political Thoughts) के कारण की गई थी. अबरार, अपने फेसबुक पोस्ट में उस वक्त की मौजूदा आवामी लीग की सरकार की आलोचना कर रहा था. सभी दोषी छात्र बांग्लादेश चात्र लीग (BCL) के सदस्य थे, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग का स्टूडेंट विंग है. रिपोर्ट के अनुसार, यह संगठन अब भंग हो चुका है.

फांसी की सजा बरकार

जस्टिस एकेएम असदुज्ज़मान और जस्टिस सैयद एनायत हुसैन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई पूरी करते हुए यह फैसला सुनाया. अदालत ने न केवल 20 छात्रों की फांसी की सजा को बरकरार रखा, बल्कि पांच अन्य छात्रों को भी जीवन की सजा सुनाई है. उन्होंने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपीलों और मौत की सजा के विरोध में दलीलों को सुनने के बाद एक साथ अपना फैसला सुनाया है.

सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

7 अक्टूबर, 2019 को, अबरार फहाद की लाश उसके विश्वविद्यालय के छात्रावास में मिली थी. जांच में पता चला कि उसे लगभग छह घंटे तक क्रिकेट बैट और अन्य भारी वस्तुओं से पीटा गया था. यह घटना तब हुई जब फहाद ने सरकार के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट शेयर किया था. BUET और बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) ने फहाद की हत्या के बाद तुरंत सभी आरोपियों को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया था. ये छात्र BCL के सदस्य थे, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग का छात्र विंग है. 2021 में, ढाका की एक अदालत ने 20 छात्रों को फांसी की सजा सुनाई थी, जब अवामी लीग सत्ता में थी. हाई कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि यह निर्णय न्याय और समाज के लिए आवश्यक है. बचाव पक्ष के वकील अजीजुर रहमान दुलू (Defence lawyer Azizur Rahman Dulu) ने इस फैसले से निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपीलीय विभाग में अपील करेंगे, उम्मीद है कि हमें वहां न्याय मिलेग.

Also Read

More News

इस मामले में एक मौत की सजा पाने वाला कैदी, मुन्तासिर अल जमी, पिछले साल एक हाई सिक्योरिटी जेल से भाग गया था. उसने 86 अन्य मौत की सजा पाए कैदियों के साथ मिलकर यह भागने की योजना बनाई थी. यह घटना शेख हसीना के शासन के पतन के बाद हुई, जब छात्र-नेतृत्व वाले बड़े प्रदर्शन का फायदा उठाया गया.