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उसे 15 फरवरी को फांसी दे दी गई... अबू धाबी में रहनेवाली बेटी की खोज-खबर के लिए Delhi HC पहुंचे पिता को पता चला

दिल्ली हाई कोर्ट ने पिता को बताया कि उसकी बेटी को 15 फरवरी के दिन अबू धाबी में चार महीने के बच्चे की कथित हत्या के लिए फांसी पर लटका दिया गया है.

फांसी की सजा

Written by Satyam Kumar |Published : March 4, 2025 2:03 PM IST

एक पिता दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंचा. मांग किया कि उसकी बेटी संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में रहती है. क्या उसे वापस बुलाया जा सकता है, अगर नहीं, तो क्या उसके बारे मेें कुछ पता चल सकता है कि उनकी बेटी को जीवित है या मृत. दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की. केन्द्र सरकार से मामले में रिपोर्ट मांगी. बता दें कि शहजादी को एक शिशु की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था और यूएई में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी.

पिता की दिल्ली हाई कोर्ट से मांग

पिता ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि शहजादी को उसके नियोक्ता के चार महीने के बच्चे की कथित हत्या के मामले में स्थानीय अदालतों के समक्ष  पेश किया गया और उस पर अपराध स्वीकार करने के लिए दबाव डाला गया था, और अब उसे मृत्युदंड (Death Penalty) दिया गया है. सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनकी सीमित प्रार्थना यह जानना है कि उनकी बेटी जीवित है या उसे फांसी पर लटका दिया गया है. उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को शहजादी ने जेल से परिवार को फोन करके कहा था कि उसे एक या दो दिन में फांसी दे दी जाएगी और यह उसकी आखिरी कॉल होगी. उन्होंने कहा कि तब से, वे उसके बारे में नहीं जानते हैं.

15 फरवरी को दी गई फांसी

दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सचिन दत्ता की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. अदालत ने पुष्टि की जिसके बारे में आप जानने चाह रहे है, उसे 15 फरवरी के दिन फांसी की सजा दे दी गई है. उसका अंतिम क्रिया 5 मार्च को होना है. दिल्ली हाई कोर्ट ने पिता को बताया कि शहजादी खान को 10 फरवरी, 2023 को अबू धाबी पुलिस को सौंप दिया गया और उसे 31 जुलाई, 2023 को मौत की सजा सुनाई गई. तब से उसे अल वथबा जेल में रखा गया था. अब कल उसका (5 मार्च) को अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) चेतन शर्मा ने अदालत को बताया कि उसे 15 फरवरी को फांसी दी गई थी. उसका अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा. इस बीच, विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारतीय दूतावास ने शहजादी को हर संभव कानूनी सहायता प्रदान की, लेकिन सफल नहीं हो सके. यूएई की सर्वोच्च अदालत, कोर्ट ऑफ कैसेशन ने सजा को बरकरार रखा. हालांकि, एएसजी ने अदालत को बताया कि वे दूतावास (Embassy) के अधिकारी और याचिकाकर्ता संपर्क में हैं और परिवार को अबू धाबी में अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की व्यवस्था की जा रही है.

बच्चे की हत्या का आरोप

शाहजादी ने दिसंबर 2021 में वीजा प्राप्त कर अबू धाबी गई. अगस्त 2022 में, उनके नियोक्ता (Employer) ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके देखभाल के लिए शाहजादी को नियुक्त किया गया था. 7 दिसंबर 2022 को, बच्चे को नियमित टीका लगवाया गया था और दुर्भाग्यवश उसी शाम उसकी मृत्यु हो गई. बच्चे के माता-पिता ने शव परीक्षण (Post-mortem) के लिए सहमति नहीं दी और मृत्यु की जांच से आगे छूट देने के लिए सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए.

(खबर पीटीआई इनपुट के आधार पर है)