Badlapur Minor Sexual Assault: बदलापुर में नाबालिगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में लिए स्पेशव इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने स्कूल अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ पोक्सो अधिनियम की धारा 19 के प्रावधानों का पालन नहीं करने के चलते यह कार्रवाई की गई है. पिछले दिन सुनवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ही स्कूल मैनेजमेंट की इस अनदेखी के लिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. अदालत ने पाया कि घटना की जानकारी होने पर भी स्कूल मैनेजमेंट ने पुलिस को सूचित नहीं किया है. अब अदालत ने निर्देशों का पालन करते हुए एसआईटी ने स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
गुरूवार के दिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर की घटना पर सुनवाई की. बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की, उन्होंने पुलिस और स्कूल मैनेजमेंट दोनों से नाराजगी जाहिर की. सुनवाई के दौरान अदालत ने महाराष्ट्र पुलिस से पूछा कि उन्होंने स्कूल के खिलाफ क्या कार्रवाई की, जिन्होंने इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी.
महाराष्ट्र के बदलापुर के एक स्कूल में चौथी कक्षा की दो लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले ने लोगों में भारी आक्रोश है. 17 अगस्त को पुलिस ने लड़कियों के साथ कथित दुर्व्यवहार के आरोप में स्कूल के एक अटेंडेंट को गिरफ्तार किया है. इस बीच, महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MSCPCR) ने राज्य भर के हर पुलिस स्टेशन में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष शाखाएँ या 'मिनी-पुलिस स्टेशन' स्थापित करने की सिफारिश की है.
महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मांग में कहा कि वर्तमान में, पुलिस स्टेशनों में महिला सहायता डेस्क, विशेष किशोर पुलिस इकाइयाँ और बाल कल्याण पुलिस अधिकारी हैं. हालाँकि, ये इकाइयाँ केवल महिलाओं और बच्चों की शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित नहीं हैं, जिससे अक्सर ज़रूरत पड़ने पर प्रशिक्षित कर्मियों की कमी होती है. इन इकाइयों में अधिकारियों को अक्सर अन्य कार्य सौंपे जाते हैं, जिससे शिकायतों के पंजीकरण और जांच में देरी होती है.