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गौतम अदाणी पर US जमीन पर भ्रष्टाचार करने का आरोप, कानून मंत्रालय ने Gujarat Court को नोटिस भेजने की मंजूरी दी

अमेरिकी अदालत में अडानी समूह पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और अनुबंध प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया. केंद्रीय कानून के फैसले के बाद इस मामले की सुनवाई गुजरात के अहमदाबाद कोर्ट में भी होगी.

Gautam Adani

Written by Satyam Kumar |Published : March 28, 2025 11:57 PM IST

देश के बड़े बिजनेसमैन और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की मुश्किलें बढ़नेवाली है. केंद्रीय कानून मंत्रालय ने गुजरात के अहमदाबाद कोर्ट को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के फैसले पर सहमति जताई है. कानून मंत्रालय की ओर जारी हुए अधिकारिक पत्र में व्यवसायी गौतम अडानी को नोटिस देने का जिक्र है. असल यह मामला अमेरिकी अदालत (US Court) के क्षेत्राधिकार से संबंधित है, जहां अडानी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. अडानी ग्रीन और Azure पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी. साथ ही अडानी ग्रीन के अधिकारियों पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया.

Court को नोटिस भेजने को मंजूरी मिली

कानून मंत्रालय ने 25 फरवरी को अहमदाबाद कोर्ट को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि गौतम अडानी को समन और नोटिस अनिवार्य रूप से भेजा जाए. मंत्रालय ने कहा है कि यह मामला विदेशी अदालत से जुड़ा हुआ है और इसे जल्द निपटाने की आवश्यकता है. इस मामले में अदालत ने नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

कानून मंत्रालय की ओर से जारी किया गया पत्र
अपनी विशिष्ट ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए जानेवाली Zee 24 Kalak की टीम ने इस मामले पर जिला कोर्ट रजिस्ट्रार और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर से बात की, लेकिन कोई भी इस पर बोलने को तैयार नहीं हुआ. चूंकि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है, जिससे संबंधित जानकारी साझा करने में वे असमर्थ हैं. सूत्रों के अनुसार, अहमदाबाद कोर्ट जल्द ही गौतम अडानी को नोटिस भेजने वाली है.

क्या है मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यूयॉर्क के कोर्ट में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर मुकदमा दायर किया गया है. आरोप है कि अडानी ग्रीन लिमिटेड के अधिकारी होने के नाते, उन्होंने अमेरिकी निवेशकों से छिपाकर भारतीय सरकारी अधिकारियों को करोड़ों डॉलर की रिश्वत दी. यह रिश्वत उन्हें बाज़ार से अधिक दरों पर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए दी गई. इस कथित योजना के तहत 2020 से 2024 तक 25 करोड़ डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई। इस पूरे मामले में गौतम अडानी के अलावा सागर अडानी, विनीत जैन समेत 7 लोगों पर चार्ज फ्रेम (आरोप तय) किया गया है. यह स्थिति अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि इससे उनकी व्यवसायिक गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

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