अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) ने भारतीय व्यवसायी गौतम अडाणी को लेकर बड़ा दावा किया है. इस दावे के अनुसार, गौतम अडानी ने सौर उर्जा (Solar Energy) बेचने का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अमेरिका में भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने का प्लान बनाया था. जस्टिस डिपार्टमेंट ने आरोप लगाते हुए कहा कि सौर ऊर्जा अनुबंध सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) के साथ किए गए थे, जो भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन आता है.
अमेरिकी न्याय विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अदानी कंपनी और एक अमेरिकी कंपनी को दिसंबर 2019 से जुलाई 2020 के बीच SECI द्वारा पेश किए गए निर्माण से संबंधित टेंडर के लिए पुरस्कार पत्र (LOA) जारी किए गए थे. लेटर ऑफ अवॉर्ड(LOA) में अमेरिकी कंपनी को चार गीगावाट और अदानी कंपनी को SECI को आठ गीगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति करनी थी. SECI को उन राज्य वितरण कंपनियों को खोजने था जो अदानी कंपनी और अमेरिकी कंपनी द्वारा आपूर्ति की जाने वाली 12 गीगावाट सौर ऊर्जा खरीदेगी.
न्याय विभाग ने दावा किया कि गौतम अडानी और अडानी समूह के अधिकारियों ने एक अमेरिकी कंपनी के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर रिश्वतखोरी की योजना बनाई, ताकि भारतीय सरकारी अधिकारियों के जरिए राज्य की कंपनियां SECI से सौर ऊर्जा खरीदने में मदद मिल सके. हालांकि ऊंची कीमतों के कारण SECI इस डील को सफल बनाने में नाकाम रहा.
जस्टिस डिपार्टमेंट ने अपने दावे में एक डील का जिक्र करते हुआ कि 7 गीगावाट की सौर उर्जा खरीद की डील को सफल बनाने के लिए सरकारी अधिकारियों को लगभग 2,209 करोड़ रुपये (265 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देने की बात कही है. यह रिश्वत आंध्र प्रदेश की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को SECI से 7 गीगावॉट बिजली खरीदने के लिए मनाने के लिए दी गई है.
हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों का खंडन करते हुए अपने निवेशकों से भरोसा बनाए रखने की अपील की है. बता दें कि खबर लिखे जाने तक अडाणी कंपनी के शेयर लगभग 22% नीचे गिरे हैं.