मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में, मुंबई में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (NCB) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था ताकि उनके विरुद्ध केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द किया जाए.
गौरतलब है की समीर वानखेड़े ने क्रूज से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में आर्यन खान को आरोपी न बनाने के एवज में उनसे कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग का मामला और पेचीदा होता जा रहा है.
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, बंबई उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में वानखेड़े ने यह भी अनुरोध किया है कि सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के संबंध में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए.
हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई को निर्देश दिया कि वह वानखेड़े के खिलाफ अभिनेता आर्यन खान की गिरफ्तारी से जुड़े कथित 25 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले में कोई कठोर कार्रवाई न करे. कोर्ट ने वानखेड़े को जांच में सहयोग करने और अपने बयान दर्ज करने के लिए सीबीआई के सामने पेश होने का भी निर्देश दिया, जिससे वह सहमत हो गए.
न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की एक अवकाशकालीन पीठ ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, धारा 17ए के तहत एक कानूनी रोक थी, जिसमें 2021 में हुए कथित अपराध के चार महीने के भीतर जांच को पूरा करना अनिवार्य है. पीठ ने 22 मई तक सीबीआई को वानखेड़े के खिलाफ किसी भी कठोर कार्रवाई से रोक दिया, जब मामला अगली सुनवाई के लिए आएगा.
सीबीआई ने वानखेड़े और चार अन्य के खिलाफ हाल ही में प्राथमिकी दर्ज की थी. आर्यन खान को तीन अक्टूबर 2021 को मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, आर्यन पर लगे आरोपों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करने में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के नाकाम रहने पर बंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन हफ्ते बाद जमानत दे दी थी.
सीबीआई ने एनसीबी की शिकायत पर वानखेड़े और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वत से संबंधित प्रावधानों के अलावा आपराधिक साजिश रचने और जबरन वसूली की कोशिश करने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि एनसीबी, मुंबई जोन को अक्टूबर 2021 में निजी क्रूज जहाज कॉर्डेलिया पर कुछ लोगों द्वारा मादक पदार्थ रखने तथा उनका सेवन किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उसके (एनसीबी के) कुछ अधिकारियों ने साजिश रची और कथित आरोपियों से रिश्वत के रूप में अवैध लाभ हासिल किया.
इसके पहले बुधवार को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने वानखेड़े को दंडात्मक कार्रवाई से पांच दिनों के लिए सुरक्षा प्रदान करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख करने की छूट दे दी थी.
गौरतलब है की NCB के मुंबई के पूर्व ज़ोनल निदेशक समीर वानखेड़े शनिवार को आर्यन खान मामले में 25 करोड़ रुपये की कथित जबरन वसूली की मांग के सिलसिले में जांच में शामिल होने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के मुंबई में कार्यालय पहुंचे.
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, वानखेड़े से यह पहले दौर की पूछताछ में उनसे करीब 40-50 सवाल पूछे जाएंगे. बता दे की बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को वानखेड़े के ख़िलाफ 22 मई तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था.
बृहस्पतिवार को मुंबई में, सीबीआई अधिकारियों ने वानखेड़े को मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे. इससे पहले सीबीआई ने वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के परिसरों पर छापेमारी भी की थी.