नई दिल्ली: दिल्ली में शुक्रवार को एक राष्ट्रीय सिख निर्वाचिका सभा (National Sikh Conclave) आयोजित की गई थी। इस सभा का उद्देश्य एक समिति का गठन करना था जो समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर सरकार से बात कर सके।
बता दें कि इस नेशनल सिख कॉन्क्लेव में यूसीसी पर सरकार से चर्चा करने के लिए जिस कमिटी का गठन किया गया है, उसमें कुल मिलाकर ग्यारह सदस्य हैं। यह कॉन्क्लेव गुरुद्वारा राजाब गंज साहिब में हुआ था और इसमें सिख समुदाय के कई लोग और तेरह राज्यों से सेवानिवृत्त न्यायाधीश और अधिकारी शामिल हुए थे।
UCC पर चर्चा हेतु हुआ कमिटी का गठन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नेशनल सिख कॉन्क्लेव के जरिए जिस कमिटी का गठन हुआ है, वो सरकार से इस बारे में चर्चा करेगी कि समान नागरिक संहिता के लागू होने के बाद सिखों के अधिकारों और रीति-रिवाजों पर असर नहीं पड़ना चाहिए।
समान नागरिक संहिता का विरोध नहीं कर रहा सिख समुदाय!
'दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध समिति' (Delhi Sikh Gurudwara Managing Committee) के अध्यक्ष, हर्मित सिंह कालका ने यह कहा है कि वो फिलहाल समान नागरिक संहिता का विरोध नहीं कर रहे हैं क्योंकि अभी केंद्र सरकार ने इसपर अपना ड्राफ्ट जारी नहीं किया है। अपने कॉन्क्लेव में उन्होंने यह फैसला लिया है कि वो अभी न ही इसके पक्ष में हैं और न ही इसके खिलाफ हैं।
ड्राफ्ट जब एक बार सार्वजनिक कर दिया जाएगा, तब यह समिति उसे पढ़ेगी, समझेगी और फिर अपनी मांगों और आपत्तियों की एक रिपोर्ट तैयार करेगी। DSGMC इस रिपोर्ट को लेकर कानून मंत्री से मिलेगा और फिर उन्हें इस मुद्दे पर सिख समुदाय की राय से अवगत कराएगा।
इतना ही नहीं, अपने बयान में DSGMC के अध्यक्ष और महासचिव जगदीप सिंह कहलोन ने यह भी कहा है कि वो इस मुद्दे पर किसी तरह के 'राजनैतिक बाध्यताओं' (political compulsions) को स्वीकार नहीं करेंगे।
देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर लेटेस्ट अपडेट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भोपाल में अपने कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' की बात की थी। कुछ दिनों पहले ही 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (AIMPLB) ने समान नागरिक संहिता के खिलाफ विरोध जताया था और विधि आयोग को अपनी आपत्तियाँ भेजी थीं।
इसके बाद प्रधानमंत्री ने एक 'मंत्रियों के समूह' (GoM) का गठन किया जो देश में यूसीसी जारी करने की ओर काम करेंगे। अब सिख समुदाय ने इसपर अपना मत सामने रखा है।