अनन्या श्रीवास्तव
भारत में कोई भी नागरिक बिना अनुज्ञापत्र (Licence) के बंदूक नहीं रख सकता है क्योंकि गन लाइसेंस (Gun Licence) पाने का तरीका काफी जटिल है। यह गन लाइसेंस भारत में किन कानूनों के तहत पाया जा सकता है, इसकी आवेदन प्रक्रिया क्या है और वो कौन सी बंदूकें हैं जिनके लिए आप लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सकते हैं, आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'आयुध अधिनियम या शस्त्र अधिनियम, 1959' (The Arms Act, 1959) और 'शस्त्र नियम, 1962' (The Arms Rules, 1962) वो दो भारतीय कानून हैं जिनमें गन लाइसेंस के बारे में बताया गया है और यह भी स्पष्ट किया गया है कि आप किन बंदूकों का लाइसेंस नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
सबसे पहले यह जानते हैं कि गन लाइसेंस क्या है। 'गन लाइसेंस' वो दस्तावेज है जो एक शख्स को बंदूक खरीदने, उसको रखने, उसका मालिक होने या उसे लेकर चलने की अनुमति प्रदान करता है। यह लाइसेंस आमतौर पर पुलिस से मिलता है जिसके लिए कुछ स्टेप्स फॉलो करना होता है।
शस्त्र अधिनियम और शस्त्र नियमों के तहत दो तरह की बंदूकों के लिए गन लाइसेंस होते हैं, एक 'नॉन-प्रोहिबिटेड बोर' (NPB) और दूसरा है 'प्रोहिबिटेड बोर' (PB)।
इन कानूनों के तहत देश के नागरिक एक एनपीबी हेतु गन लाइसेंस ले सकता है लेकिन पीबी हथियारों का लाइसेंस सिर्फ रक्षा कर्मियों (defence personnel) को मिलता है। पिस्टल (9mm), .38, .455 और .303 राइफल वाली हैंडगन और सभी सेमी-ऑटोमैटिक और ऑटोमैटिक हथियार 'प्रोहिबिटेड बोर' श्रेणी में आते हैं।
एनपीबी के लिए गन लाइसेंस के आवेदन के लिए सबसे पहले आपको एक भारतीय होना होगा, आपकी उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए और अगर आप एक 'जूनियर टारगेट शूटर' हैं तो आपकी उम्र 16 वर्ष होनी चाहिए।
गन लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को मानसिक रूप से ठीक होना चाहिए और उनके पास गन लाइसेंस मांगने के लिए एक उचित कारण होना चाहिए। गन लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होनी चाहिए।
बता दें कि एक गन लाइसेंस की वैधता तीन साल की होती है जिसके खत्म होने के एक महीने के अंदर उसे रिन्यू करना होता है। अपने गन लाइसेंस को रिन्यू कराने के लिए आपको निर्धारित जिला अधिकारी (District Magistrate) को एक लिखित एप्लिकेशन देनी होगी।