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कांग्रेस, सपा, एनसीपी, सीपीआईएम और शिवसेना यूबीटी ने Waqf Bill 2024 का विरोध किया, जानें किसने क्या कहा?

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बुधवार को लोकसभा में तीखी टिप्पणी करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने के लिए सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि सरकार सदस्यों को संशोधन प्रस्तावित करने का अवसर नहीं दे रही है.

Written by Satyam Kumar |Published : April 2, 2025 8:23 PM IST

आज सदन में वक्फ बिल संशोधन बिल बहस के लिए लाया गया. केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के प्रस्ताव के बाद विपक्ष के नेताओं ने इस मामले में अपना पक्ष रखा और वक्फ बिल का विरोध करने की वजह को बताया. आइये जानते हैं कि विपक्ष की ओर से इस विधेयक के विरोध में क्या-कुछ कहा गया है.

Waqf Bill के विरोध में कांग्रेस रही मुखर

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह विधेयक राष्ट्र की अखंडता के खिलाफ है और सरकार धर्म के इस मामले में हस्तक्षेप कर रही है. लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर बहस में भाग लेते हुए गोगोई ने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रवाद वही है जो संविधान में निहित है. क्या अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने यह विधेयक बनाया है, या किसी अन्य विभाग ने बनाया है? यह विधेयक कहां से आया?.. आज देश में अल्पसंख्यकों की हालत ऐसी हो गई है कि आज सरकार को उनके धर्म का प्रमाण पत्र देना पड़ेगा. क्या वे अन्य धर्मों से प्रमाण पत्र मांगेंगे कि आपने पांच साल पूरे किए हैं या नहीं? इस विधेयक में ऐसा क्यों पूछा जा रहा है? सरकार धर्म के इस मामले में हस्तक्षेप क्यों कर रही है.

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बुधवार को लोकसभा में तीखी टिप्पणी करते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने के लिए सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि सरकार सदस्यों को संशोधन प्रस्तावित करने का अवसर नहीं दे रही है. केसी वेणुगोपाल ने बताया कि विधेयक को पिछले दिन दोपहर बाद ही सदस्यों के समक्ष पेश किया गया, जिससे उन्हें समीक्षा करने और बदलाव सुझाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला.

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सांसद गोगोई ने कहा कि हमारा संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय मिलना चाहिए... अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता... यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे पर हमला है। इस सरकार का उद्देश्य इस विधेयक के माध्यम से संविधान को कमजोर करना है. दूसरा, वे अल्पसंख्यक समुदाय को बदनाम करना चाहते हैं. तीसरा, वे भारतीय समाज को विभाजित करना चाहते हैं. गोगोई ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के कांग्रेस के खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें उन्हें प्रमाणित करना चाहिए. गोगोई ने कहा कि मंत्री ने यूपीए सरकार के बारे में जो कहा वह पूरी तरह से भ्रामक था. हम मांग करते हैं कि इसे प्रमाणित किया जाए.

वहीं, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सवाल उठाया कि सरकार छह महीने के भीतर वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण कैसे कर सकती है, जबकि पिछले दस सालों में ऐसा नहीं किया जा सका. लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान मसूद ने कहा, "WAMSI पोर्टल (वक्फ संपत्तियों की खोज के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली) का बार-बार उल्लेख किया जा रहा था... 10 साल एक लंबा समय है. आप 10 साल में सभी संपत्तियों का पंजीकरण नहीं कर सकते थे... आप यह काम 10 साल में नहीं कर सकते थे, लेकिन अब आप कहते हैं कि संपत्तियों का पंजीकरण 6 महीने के भीतर करना होगा और अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो वे संपत्तियां अब वक्फ की नहीं रहेंगी. पंजीकरण कौन करेगा? आपके अधिकारी. यह 6 महीने के भीतर कैसे किया जाएगा, जब यह 10 साल में नहीं किया जा सका? यह एक संविधान विरोधी विधेयक है।" इस बीच, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को सवाल किया कि वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल देश और मुसलमानों के विकास के लिए क्यों नहीं किया गया है.

SP नेताओं ने वक्फ बिल को ये कहा

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को लोकसभा में इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी जब भी कोई बिल लाती है, तो महज उनकी कमियों को छिपाने का तरीका होता है. इसी दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में देरी पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर निशाना साधा. इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा करोड़ों सदस्यों वाली लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करती है, जबकि अन्य पार्टियों में नेतृत्व का फैसला परिवार के सदस्य करते हैं.

लोकसभा में बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली पार्टी अभी तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है." लोकसभा में बोलते हुए उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक सरकार की कमियों से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा, "भाजपा जब भी कोई नया विधेयक लाती है, तो वह अपनी विफलताओं को छिपाने का प्रयास होता है."

सपा सांसद अखिलेश यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने भाजपा की चयन प्रक्रिया का बचाव करते हुए कहा कि पार्टी लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर काम करती है. गृह मंत्री ने कहा कि  मेरे सामने जितनी भी पार्टियां हैं, उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष, कुछ परिवार के लोग ही चुनेंगे. हमें एक प्रक्रिया के बाद 12-13 करोड़ सदस्यों में से चुनना है. इसलिए इसमें समय लगता है. आपके मामले में, इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा. मैं कह रहा हूँ कि आप 25 साल तक अध्यक्ष बने रहेंगे.

वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक संविधान और समानता के अधिकार के खिलाफ है. देश का दूसरा सबसे बड़ा समुदाय इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा.

राजद ने किया विरोध

राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह अपनी पार्टी की ओर से विधेयक का विरोध किया. सांसद ने कहा कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड और लोकतांत्रिक तथा संवैधानिक सिद्धांतों तथा अधिकारों को कमजोर करता है. इस सरकार की नजर मुसलमानों की जमीन पर है. राजद सांसद ने आगे कहा कि कल वे मंदिरों की जमीन पर नजर गड़ाएंगे.

CPI (M) ने दी प्रतिक्रिया

केरल से सीपीआई(एम) सांसद के राधाकृष्णन ने वक्फ बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह विधेयक गरीब या महिला मुसलमानों के लिए नहीं है. मुस्लिम समुदाय हमारा दुश्मन नहीं है, लेकिन सरकार का उद्देश्य हिंदुओं के सामने उन्हें इस तरह पेश करना है. अगर वे वाकई मुसलमानों में गरीबों की मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें मुस्लिम छात्रों के लिए कटी हुई छात्रवृत्ति को फिर से शुरू करना चाहिए. छात्रवृत्ति की राशि हर साल कम होती जा रही है. इसलिए सीपीआई(एम) विधेयक का विरोध कर रही है. सीपीआई (एम) सासंद ने आगे कहा कि केरल में देवस्वोम बोर्ड हैं. जब देवस्वोम बोर्ड के एक सदस्य का नाम ईसाई था, तो इस बात पर बहुत हंगामा हुआ कि हिंदू मंदिरों को केवल हिंदुओं को दिया जाना चाहिए. हर समुदाय को खुद की मदद करने का अवसर दिया जाना चाहिए.

DMK का भी विरोध

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान बोलते हुए डीएमके सांसद ए राजा ने कहा, "विडंबना यह है कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा एक ऐसी पार्टी करने जा रही है, जिसमें मुस्लिम समुदाय का कोई सदस्य नहीं है." सांसद ने कहा कि आज भारतीय संसद के लिए यह एक उल्लेखनीय दिन है कि वह हमारे भाग्य का फैसला करे कि क्या यह धर्मनिरपेक्ष देश संविधान के पूर्वजों द्वारा लिखे गए मार्ग पर चलेगा या देश में सांप्रदायिक ताकतों द्वारा तय किए गए नकारात्मक मार्ग पर चलेगा. डीएमके नेता वक्फ बिल का विरोध किया.

जगन मोहन रेड्डी की YSRCP पार्टी का भी विरोध

आंध्र प्रदेश से वाईएसआरसीपी (सुप्रसिद्ध नेता जगन मोहन रेड्डी) सांसद मिधुन रेड्डी का कहना है कि जेपीसी में मुस्लिम संगठनों सहित कई लोगों ने आपत्तियां उठाई थीं, लेकिन उन आपत्तियों पर विचार नहीं किया गया. सांसद रेड्डी ने कहा कि यह विधेयक भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13, 14, 25 और 26 का उल्लंघन करता है. सांसद ने आगे कहा कि 20 करोड़ से ज़्यादा मुसलमानों वाले देश में उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

IUML ने भी किया विरोध

केरल से आईयूएमएल (IUML) सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने गृह मंत्री अमित शाह के भाषण से नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने भी इस बिल का विरोध किया है. सांसद ने कहा कि यह 2025 का सबसे बड़ा तमाशा है. इसमें ज़रा भी सच्चाई नहीं है. यह उनकी सरकार है जिसने भारत में अल्पसंख्यकों को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया है. वे मुसलमानों के साथ और भी अन्याय करने की योजना बना रहे हैं. सांसद बशीर ने विधेयक पर जेपीसी विचार-विमर्श की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक प्रतिगामी कानून है. यह विधेयक वक्फ बोर्ड की यह जांच करने और निर्धारित करने की शक्ति को समाप्त करता है कि संपत्ति वक्फ की है या नहीं.