भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के सात अतिरिक्त जजों को स्थायी जज के रूप में नियुक्त करने और दो अतिरिक्त जजों के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की है (Collegium recommends appointment of 7 permanent judges in Bombay HC, extension of 2 judges' term). सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को केन्द्र की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. इस सिफारिश को राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद क्रियान्वयन में लाया जाएगा.
इस साल अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने अतिरिक्त जजों जस्टिस यशवंतराज गोपीचंद खोबरागड़े, महेंद्र वधूमल चांदवानी, अभय सोपानराव वाघवासे, रवींद्र मधुसूदन जोशी, संतोष गोविंदराव चपलगांवकर, मिलिंद मनोहर सथाये और नीला केदार गोखले को स्थायी जज के रूप में नियुक्त करने और जस्टिस संजय आनंदराव देशमुख और वृषाली विजय जोशी के कार्यकाल को आगे बढ़ाने की सर्वसम्मत सिफारिशें की थीं.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि उसने बॉम्बे हाई कोर्ट के मामलों से परिचित शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीशों से उनकी उपयुक्तता का पता लगाने के लिए परामर्श किया, साथ ही कहा कि सीजेआई द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की समिति ने इन अतिरिक्त न्यायाधीशों के निर्णयों को 'उचित' माना है. रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की जांच और मूल्यांकन करने तथा मामले के सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पाया कि जस्टिस खोबरागड़े, चांदवानी, वाघवासे, जोशी, चपलगांवकर, सथाये और गोखले स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए उपयुक्त हैं और उन्होंने सिफारिश की कि जस्टिस देशमुख और जोशी को 7 अक्टूबर, 2024 से एक वर्ष की नई अवधि के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए गए एक बयान में कहा गया है, महाराष्ट्र और गोवा राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने उपरोक्त सिफारिश से सहमति व्यक्त की है.