The Kerala Story: CJI ने क्यों कहा कि वो इस फिल्म को देखेंगे?
बहुचर्चित फिल्म The Kerala Story पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है.
बहुचर्चित फिल्म The Kerala Story पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है.
Supreme Court ने The Kerala Story फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है, इसके साथ ही फिल्म निर्माताओं को फिल्म के काल्पनिक होने और 32,000 महिलाओं के इस्लाम धर्म ग्रहण करने के आंकड़े को लेकर डिस्क्लेमर दिखाने के आदेश दिए है.
Supreme Court ने इस मामले में फिल्म के निर्माता सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और एएनआर की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को CJI की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडु से जवाब मांगा था.
‘द केरल स्टोरी’ को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में बैन करना दोनों ही राज्य सरकारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. Supreme Court ने शुक्रवार को फिल्म के निर्माताओं की ओर से दायर याचिका पर इन सरकारों से जवाब मांगा है
CJI DY Chandrachud ने फिल्म निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि फिल्म देश के बाकी सभी हिस्सों में रिलीज हुई है, और पश्चिम बंगाल अलग नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने निर्माताओं का पक्ष रखते हुए सीजेआई के पीठ के समक्ष कहा कि निर्माता के रूप में हर दिन पैसे का नुकसान उठा रहे है, अब दूसरे राज्य कहते हैं कि वे भी ऐसा ही करेंगे.
Kerala High Court के जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस की पीठ फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान ही फिल्म का टीज़र और ट्रेलर देखने के बाद पीठ ने कहा कि इसमें इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ कुछ भी नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने गुरूवार दोपहर बाद मामले को मेंशन करते हुए कहा कि केरल हाईकोर्ट शुक्रवार को रिलीज हो रही फिल्म की सुनवाई नहीं कर रहा है. SC ने इस मामले पर मौखिक टिप्पणी करते हुए का कहा कि फिल्म के अभिनेता और निर्माताओं की मेहनत के बारे में भी सोचना चाहिए.
Supreme Court ने याचिकाकर्ता संगठन मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा ए हिंद को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है.
The Kerala Story केरल की महिलाओं के एक समूह के बारे में एक हिंदी फिल्म है जो इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) में शामिल हो जाती है. फिल्म 5 मई, शुक्रवार को रिलीज होने वाली है. याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म के जरिए एक झुठा आंकड़ा पेश किया गया है
Supreme Court ने The Kerala Story फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है, इसके साथ ही फिल्म निर्माताओं को फिल्म के काल्पनिक होने और 32,000 महिलाओं के इस्लाम धर्म ग्रहण करने के आंकड़े को लेकर डिस्क्लेमर दिखाने के आदेश दिए है.
Supreme Court ने इस मामले में फिल्म के निर्माता सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और एएनआर की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को CJI की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार और तमिलनाडु से जवाब मांगा था.
CJI DY Chandrachud ने फिल्म निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि फिल्म देश के बाकी सभी हिस्सों में रिलीज हुई है, और पश्चिम बंगाल अलग नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने निर्माताओं का पक्ष रखते हुए सीजेआई के पीठ के समक्ष कहा कि निर्माता के रूप में हर दिन पैसे का नुकसान उठा रहे है, अब दूसरे राज्य कहते हैं कि वे भी ऐसा ही करेंगे.
Kerala High Court के जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस की पीठ फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान ही फिल्म का टीज़र और ट्रेलर देखने के बाद पीठ ने कहा कि इसमें इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ कुछ भी नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने गुरूवार दोपहर बाद मामले को मेंशन करते हुए कहा कि केरल हाईकोर्ट शुक्रवार को रिलीज हो रही फिल्म की सुनवाई नहीं कर रहा है. SC ने इस मामले पर मौखिक टिप्पणी करते हुए का कहा कि फिल्म के अभिनेता और निर्माताओं की मेहनत के बारे में भी सोचना चाहिए.
Supreme Court ने याचिकाकर्ता संगठन मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा ए हिंद को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है.
The Kerala Story केरल की महिलाओं के एक समूह के बारे में एक हिंदी फिल्म है जो इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) में शामिल हो जाती है. फिल्म 5 मई, शुक्रवार को रिलीज होने वाली है. याचिका में कहा गया है कि इस फिल्म के जरिए एक झुठा आंकड़ा पेश किया गया है