देर रात पार्टी के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति, अन्यथा तैयार रहें कानून के तहत कड़ी कार्रवाई हेतु
आईपीसी की धारा 188 में लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा से संबंधी प्रावधान का उल्लेख है.
आईपीसी की धारा 188 में लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा से संबंधी प्रावधान का उल्लेख है.
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 188 संबंधित पक्षों के बीच होने वाले लेन-देन से संबंधित है. लेनदेन के लिए पार्टियों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही बनाने के लिए इसे पेश किया गया था. यह सार्वजनिक और निजी दोनों कंपनियों पर लागू होता है. किसी एक पक्ष द्वारा संबंधित दूसरे पक्ष से लेनदेन में प्रवेश करने का निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है.
हाल ही में भारत के कई राज्यों में धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा उत्पन्न हो गयी. राजधानी के नजदीक हरयाणा के गुरुग्राम में यद्यपि जुलूस निकालने की अनुमति नहीं थी, फिरभी लोगों ने जुलूस निकाला, जो की लोक सेवक के आदेशों की अवहेलना है और CrPCकी धारा 188 के तहत दंडनीय है.
किसी बड़े अपराध को अंजाम देकर अपराधी सजा से बचने के लिए देश छोड़ देता है, लेकिन CrPC के तहत ऐसे अपराधियों को देश वापिस लाने के प्रावधान है जिसे "प्रत्यर्पण" के रूप में जाना जाता है.
कहा जाता है कि कानून के हाथ इतने लंबे होते हैं कि अपराधी चाहे जहां भी छुपा वो गिरफ्त में आ ही जाता है. इसलिए तो अक्सर जो अपराधी देश को धोखा देकर या अपराध करके भाग जाते हैं पुलिस उन्हे पकड़ ही लेती है.
आईपीसी की धारा 188 में लोक सेवक द्वारा विधिवत रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा से संबंधी प्रावधान का उल्लेख है.
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 188 संबंधित पक्षों के बीच होने वाले लेन-देन से संबंधित है. लेनदेन के लिए पार्टियों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही बनाने के लिए इसे पेश किया गया था. यह सार्वजनिक और निजी दोनों कंपनियों पर लागू होता है. किसी एक पक्ष द्वारा संबंधित दूसरे पक्ष से लेनदेन में प्रवेश करने का निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है.
हाल ही में भारत के कई राज्यों में धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा उत्पन्न हो गयी. राजधानी के नजदीक हरयाणा के गुरुग्राम में यद्यपि जुलूस निकालने की अनुमति नहीं थी, फिरभी लोगों ने जुलूस निकाला, जो की लोक सेवक के आदेशों की अवहेलना है और CrPCकी धारा 188 के तहत दंडनीय है.
कहा जाता है कि कानून के हाथ इतने लंबे होते हैं कि अपराधी चाहे जहां भी छुपा वो गिरफ्त में आ ही जाता है. इसलिए तो अक्सर जो अपराधी देश को धोखा देकर या अपराध करके भाग जाते हैं पुलिस उन्हे पकड़ ही लेती है.