बच्चे और मानसिक रोगी भी दे सकते हैं कोर्ट में गवाही
भारतीय न्यायालयों ने समय-समय पर न्यायिक कार्यवाही में गवाहों के महत्व को स्वीकार किया है. गवाहों के बयान पर ही कई बार अहम फैसले लिए गए है.
भारतीय न्यायालयों ने समय-समय पर न्यायिक कार्यवाही में गवाहों के महत्व को स्वीकार किया है. गवाहों के बयान पर ही कई बार अहम फैसले लिए गए है.
एक दिमागी रूप से बीमार व्यक्ति भी गवाही देने के लिए सक्षम है यदि वह उससे पूछे गए प्रश्नों को समझ सकता है और तर्कसंगत उत्तर दे सकता है. वहीं, कुछ परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं, जिसमें कोई व्यक्ति गवाही देने के लिए सक्षम तो होता है, लेकिन उसे गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
भारतीय दंड संहिता 1860 में कई अपराध और सजा दोनों के बारे में जानकारी दी गई है. इनमें से हैं धारा 117 और 118 है. आईए जानते हैं धारा 117 और 118 में किन अपराधों के लिए सजा मिलती है.
एक दिमागी रूप से बीमार व्यक्ति भी गवाही देने के लिए सक्षम है यदि वह उससे पूछे गए प्रश्नों को समझ सकता है और तर्कसंगत उत्तर दे सकता है. वहीं, कुछ परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं, जिसमें कोई व्यक्ति गवाही देने के लिए सक्षम तो होता है, लेकिन उसे गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
भारतीय दंड संहिता 1860 में कई अपराध और सजा दोनों के बारे में जानकारी दी गई है. इनमें से हैं धारा 117 और 118 है. आईए जानते हैं धारा 117 और 118 में किन अपराधों के लिए सजा मिलती है.