Rarest of Rare Crime: जबलपुर में दंपति की हत्या के तीन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई
मध्य प्रदेश के जबलपुर में दंपति के 3 आरोपियों को फांसी की सजा, कोर्ट ने कहा- ऐसे अपराधी समाज के लिए आतंक मात्र
मध्य प्रदेश के जबलपुर में दंपति के 3 आरोपियों को फांसी की सजा, कोर्ट ने कहा- ऐसे अपराधी समाज के लिए आतंक मात्र
राज्य सरकार के वकील ने कहा, पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की. अगले दिन पीड़िता का शव इलाके में एक तालाब के किनारे मिला.
बिहार सरकार के जेल मैन्यूअल के अनुसार अगर किसी सरकारी लोकसेवक की ड्यूटी के दौरान हत्या की जाती है तो हत्या करने वाले दोषी को आजीवन उम्रकैद के लिए जेल में रहना होता था.
Delhi High Court ने सभी टेलीविजन चैनलों और अन्य सभी मीडिया संगठनों को श्रद्धा वाकर हत्या केस की चार्जशीट की सामग्री प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से रोक दिया है.कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उसके आदेश में नार्कोएनालिसिस के ऑडियो और सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं, जिन्हें मीडिया को भी नहीं दिखाना चाहिए.
NHRC ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, प्रयागराज पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है. आयोग ने पुलिस से इस मामले में चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने के भी आदेश दिए है.
अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में तीनों शूटरों को सुबह 10 बजे SIT की टीम प्रतापगढ़ से प्रयागराज लेकर पहुंची थी . तीनों शूटरों को प्रयागराज की सीजीएम कोर्ट में पेश किया गया.
प्रयागराज में हुए माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले पर Supreme Court 24 अप्रैल को सुनवाई करेगा. मेंशनिंग सूची के अनुसार इस मामले को सुनवाई के लिए 24 अप्रैल को नियत किया गया है.
Supreme Court में दायर की गई इस याचिका में इस हत्याकांड की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद हुए सभी 183 एनकाउंटरों की जांच की मांग भी की गई है.
Supreme Court ने अतीक अहमद की याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन उसे इस मामले में Allahabad High Court के समक्ष याचिका दायर करने की छूट दी थी.
अदालत का मानना है कि अगली तारीख तक ‘आज तक’ न्यूज चैनल प्राथमिकी से संबंधित किसी भी सामग्री का किसी भी रूप में इस्तेमाल न करे. विस्तृत सुनवाई के लिए मामले को 17 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया जाता है.’’
इलाहाबाद पश्चिम सीट से 5 बार विधायक और फूलपुर लोक सभा सीट से सांसद रह चुके Atique Ahmed को किडनैपिंग के एक मामले में 17 साल की सज़ा सुनाई है. आज हम आपको बताएंगें, कौन है अतीक अहमद और क्या है इस केस की पूरी कहानी।
असम में 34 साल पूर्व हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए लोगो को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर करते हुए पुलिस के खिलाफ कई गंभीर टिप्पणीयां की है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक आरोपी के जेल से रिहा होन के बाद हत्या करने के तर्क को भी खारिज करते हुए कहा कि "यहां तक कि अगर एक घटना, जिसका मौजूदा मामले से कोई संबंध नहीं है, फैसले की घोषणा के बाद हुई थी, जो समीक्षा याचिकाओं पर विचार करने का आधार नहीं हो सकती.
कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद दिवंगत उमेश की मां ने अपहरण केस में अतीक को आजीवन कारावास की सजा पर संतुष्टी जताई है लेकिन हत्या के मामले में भी आरोपी को सजा सुनाने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा की मांग को लेकर दायर अतीक अहमद की याचिका खारिज करते हुए कहा कि "राज्य मशीनरी आपकी देखभाल करेगी"
‘लिव-इन’ संबंधों के पंजीकरण से ऐसे संबंधों में रहने वालों को एक-दूसरे के बारे में और सरकार को भी उनकी वैवाहिक स्थिति, उनके आपराधिक इतिहास और अन्य प्रासंगिक विवरणों के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध होगी.
पीठ ने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश के समक्ष आवेदक के अधिवक्ता द्वारा तत्काल उल्लेख किए जाने के बाद मामले को सूचीबद्ध किया गया था. आज जब मामला सुनवाई के लिये आया है, तो अधिवक्ता ने दलील रखने में असमर्थता जताई. मामले को एक सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें.’’
हाथरस में 14 सितंबर 2020 को दलित लड़की से गैंगरेप का मामला सामने आया था. घटना के बाद लड़की की हालत गंभीर हो गई थी, जिसके बाद उसे अलीगढ़ रेफर किया था. इस मामले में पीड़िता के बयानों के बावजूद अदालत ने तीन को आरोपियों को बरी किया है.
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में आरोपी पूनावाला के खिलाफ आईपीसी की संगीन धाराओं के तहत आरोप तय किए गए है. वकील सीमा कुशवाहा के अनुसार चार्जशीट में आईपीसी की धारा 302 व 201 सहित कई धाराए जोड़ी गई है.
8 साल की मासूम बच्ची से रेप और हत्या के मामले में दोषी की मौत की सजा को बदलकर उम्रकैद करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कई टिप्पणियां की थी. इस मामले में राजस्थान पुलिस पर वाहवाही लेने के चक्कर में निर्दोष को फंसाने का भी आरोप लगा था.
केरल की अदालत ने 2018 में लापता हुई लिथुआनियाई महिला पर्यटक के बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराए गए दो लोगों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई
हाईकोर्ट ने श्रद्धा हत्याकांड मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत इसकी निगरानी नहीं करेगी.
श्रद्धा हत्या का मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया है. जनहित याचिका के जरिए मामले की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने की गुहार लगाई गयी है.