साइबर धोखाधड़ी से सावधान! ऐसे उठाएं आवाज
पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामले देश में बहुत बढ़ गए हैं और इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है! अगर आप इस तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो सुरक्षा हेतु क्या कानून हैं, जानिए
पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामले देश में बहुत बढ़ गए हैं और इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है! अगर आप इस तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो सुरक्षा हेतु क्या कानून हैं, जानिए
साइबर क्राइम के मामले बेहद गंभीर हैं और इनकी संख्या देश में काफी ज्यादा बढ़ गई है। कानून के तहत, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किस तरह प्रोटेक्शन मिलता है और आईपीसी में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं, आइए जानते हैं
जाहिर सी बात है अगर कोई आपके नाम का इस्तेमाल कर कोई गलत काम करेगा तो आपका नाम खराब हो सकता है समाज में आपकी छवि खराब हो सकती है. तो ऐसे में पीड़ित के पास आईपीसी की धारा 499 और 500 उपलब्ध है.
मानहानि दो रूपों में हो सकती है- लिखित या मौखिक रूप में. लिखित रूप में यदि किसी के विरुद्ध प्रकाशितरूप में या लिखितरूप में झूठा आरोप लगाया जाता है या उसका अपमान किया जाता है तो यह "अपलेख" कहलाता है लेकिन, जब किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई अपमानजनक कथन या भाषण दिया जाता है, जिसे सुनकर लोगों के मन में व्यक्ति विशेष के प्रति घृणा या अपमान उत्पन्न हो तो वह "अपवचन" कहलाता है.
साइबर क्राइम के मामले बेहद गंभीर हैं और इनकी संख्या देश में काफी ज्यादा बढ़ गई है। कानून के तहत, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किस तरह प्रोटेक्शन मिलता है और आईपीसी में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं, आइए जानते हैं
जाहिर सी बात है अगर कोई आपके नाम का इस्तेमाल कर कोई गलत काम करेगा तो आपका नाम खराब हो सकता है समाज में आपकी छवि खराब हो सकती है. तो ऐसे में पीड़ित के पास आईपीसी की धारा 499 और 500 उपलब्ध है.
मानहानि दो रूपों में हो सकती है- लिखित या मौखिक रूप में. लिखित रूप में यदि किसी के विरुद्ध प्रकाशितरूप में या लिखितरूप में झूठा आरोप लगाया जाता है या उसका अपमान किया जाता है तो यह "अपलेख" कहलाता है लेकिन, जब किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई अपमानजनक कथन या भाषण दिया जाता है, जिसे सुनकर लोगों के मन में व्यक्ति विशेष के प्रति घृणा या अपमान उत्पन्न हो तो वह "अपवचन" कहलाता है.