साइबर धोखाधड़ी से सावधान! ऐसे उठाएं आवाज
पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामले देश में बहुत बढ़ गए हैं और इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है! अगर आप इस तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो सुरक्षा हेतु क्या कानून हैं, जानिए
पिछले कुछ सालों में साइबर धोखाधड़ी के मामले देश में बहुत बढ़ गए हैं और इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है! अगर आप इस तरह के किसी मामले में फंस जाते हैं तो सुरक्षा हेतु क्या कानून हैं, जानिए
साइबर क्राइम के मामले बेहद गंभीर हैं और इनकी संख्या देश में काफी ज्यादा बढ़ गई है। कानून के तहत, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किस तरह प्रोटेक्शन मिलता है और आईपीसी में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं, आइए जानते हैं
कानून की जानकारी न होने के कारण, पीछा किया जाना, सिटि बजाना, छिप कर देखना आदि जैसे अपराधों को हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं. इस तरह के अपराधों के विषय में महिलाओं को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए और यथाशीघ्र शिकायत दर्ज कराना चाहिए.
IPC की धारा 354 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों और सजा के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसकी एक उपधारा में महिलाओं का पीछा करने (Stalking) से संबंधित अपराध और उससे सम्बंधित सजा के प्रावधान का भी उल्लेख है.
National Crime Record Bureau (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 तक अकेले स्टॉकिंग के तकरीबन 14,175 ऐसे मामले थे जिनकी जांच चल रही थी. 9,285 ऐसे मामले थे जो पिछले साल दर्ज किए गए थे. जबकि 4,890 ऐसे मामले थे जिनकी जांच शुरु भी नहीं हुई थी.
साइबर क्राइम के मामले बेहद गंभीर हैं और इनकी संख्या देश में काफी ज्यादा बढ़ गई है। कानून के तहत, साइबर धोखाधड़ी के मामलों में किस तरह प्रोटेक्शन मिलता है और आईपीसी में इसको लेकर क्या प्रावधान हैं, आइए जानते हैं
कानून की जानकारी न होने के कारण, पीछा किया जाना, सिटि बजाना, छिप कर देखना आदि जैसे अपराधों को हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं. इस तरह के अपराधों के विषय में महिलाओं को जागरूक और सतर्क रहना चाहिए और यथाशीघ्र शिकायत दर्ज कराना चाहिए.
National Crime Record Bureau (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 तक अकेले स्टॉकिंग के तकरीबन 14,175 ऐसे मामले थे जिनकी जांच चल रही थी. 9,285 ऐसे मामले थे जो पिछले साल दर्ज किए गए थे. जबकि 4,890 ऐसे मामले थे जिनकी जांच शुरु भी नहीं हुई थी.