झूठे सबूत या झूठा प्रमाणपत्र देने पर होती है 7 साल तक की जेल, जानिए IPC की धारा 196
क्या आपको पता है हमारे देश के कानून में इस तरह के अपराध को गंभीर अपराध माना गया है, क्योकि झूठे सबूत या झूठे प्रमाण पत्र या बयान किसी के जीवन को भी प्रभावित कर सकते है. IPC में झूठे सबूत या गवाही देने वाले व्यक्ति के साथ-साथ उन झूठे साक्ष्यों को इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को भी सख्त सज़ा का प्रावधान किया गया है. आइए जानते हैं, झूठे सबूत, प्रमाणपत्र या घोषणा को सच्चा बताकर इस्तेमाल करने का क्या मतलब है और न्यायालय में ऐसे सबूत जमा करने पर क्या हो सकती है भारतीय दंड सहिंता (IPC) के तहत कार्रवाई.