कौन बनता है सरकारी गवाह? जानिये कानूनी प्रावधान
धारा 306 के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट के पास इसका अधिकार होता है. क्षमादान हमेशा फैसला सुनाने से पहले दिया जाता है
धारा 306 के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट के पास इसका अधिकार होता है. क्षमादान हमेशा फैसला सुनाने से पहले दिया जाता है
दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 307 में क्षमादान को लेकर निर्देश देने की शक्ति का प्रावधान किया गया है. क्षमादान हमेशा फैसला सुनाने से पहले दिया जाता है.
सह अपराधी द्वारा दिया गए साक्ष्य अविश्वास की नजर से देखा जाता है क्योंकि सह अपराधी उस अपराध में शामिल होते हैं इसलिए एक अनैतिक व्यक्ति होता है, झूठ बोलने की संभावना आदि के कारण उस पर विश्वास करना मुश्किल होता है.
दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 307 में क्षमादान को लेकर निर्देश देने की शक्ति का प्रावधान किया गया है. क्षमादान हमेशा फैसला सुनाने से पहले दिया जाता है.
सह अपराधी द्वारा दिया गए साक्ष्य अविश्वास की नजर से देखा जाता है क्योंकि सह अपराधी उस अपराध में शामिल होते हैं इसलिए एक अनैतिक व्यक्ति होता है, झूठ बोलने की संभावना आदि के कारण उस पर विश्वास करना मुश्किल होता है.