पुलिस द्वारा गवाहों का परीक्षण सीआरपीसी की किन धाराओं के तहत होता है- जानिये
ऐसा व्यक्ति, अधिकारी द्वारा मामले से संबंधित पूछे गए सभी सवालों का सही जवाब देने के लिए बाध्य होगा. भले ही उन सवालों के जवाब देने पर वो शक के दायरे में ही क्यों ना आ जाए.
ऐसा व्यक्ति, अधिकारी द्वारा मामले से संबंधित पूछे गए सभी सवालों का सही जवाब देने के लिए बाध्य होगा. भले ही उन सवालों के जवाब देने पर वो शक के दायरे में ही क्यों ना आ जाए.
सत्र न्यायालय के समक्ष सुनवाई या वारंट-मामले की सुनवाई की स्थिति में, धारा 161 के तहत पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयान के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ आरोप दायर किया जा सकता है. यह धारा पुलिस को जांच के समय गवाहों से पूछताछ करने का अधिकार देती है.
ऐसा व्यक्ति, अधिकारी द्वारा मामले से संबंधित पूछे गए सभी सवालों का सही जवाब देने के लिए बाध्य होगा. भले ही उन सवालों के जवाब देने पर वो शक के दायरे में ही क्यों ना आ जाए.
सत्र न्यायालय के समक्ष सुनवाई या वारंट-मामले की सुनवाई की स्थिति में, धारा 161 के तहत पुलिस द्वारा दर्ज किए गए बयान के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ आरोप दायर किया जा सकता है. यह धारा पुलिस को जांच के समय गवाहों से पूछताछ करने का अधिकार देती है.