'जबरदस्ती' और 'अनुचित प्रभाव' में अंतर
जबरदस्ती और अनुचित प्रभाव दो ऐसे शब्द हैं, जिनका अर्थ तो एक सा ही है लेकिन इनमें से एक अपराध की श्रेणी में आता है
जबरदस्ती और अनुचित प्रभाव दो ऐसे शब्द हैं, जिनका अर्थ तो एक सा ही है लेकिन इनमें से एक अपराध की श्रेणी में आता है
इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के तहत 'जबरदस्ती' दंडनीय क्यों है और 'अनुचित प्रभाव' अपराध क्यों नहीं है, समझें अंतर
यदि कोई व्यक्ति एक अनुबंध/समझौते के सन्दर्भ में, किसी अन्य व्यक्ति की सहमति प्राप्त करने के इरादे से, भारतीय दंड संहिता द्वारा निषिद्ध किसी भी कार्य को करता है या करने की धमकी देता है, या किसी भी संपत्ति को गैरकानूनी हिरासत में रखता है, या हिरासत में लेने की धमकी देता है, तो ऐसी सहमति को उत्पीड़न से प्राप्त की गई सहमति कहा जाता है.
इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के तहत 'जबरदस्ती' दंडनीय क्यों है और 'अनुचित प्रभाव' अपराध क्यों नहीं है, समझें अंतर
यदि कोई व्यक्ति एक अनुबंध/समझौते के सन्दर्भ में, किसी अन्य व्यक्ति की सहमति प्राप्त करने के इरादे से, भारतीय दंड संहिता द्वारा निषिद्ध किसी भी कार्य को करता है या करने की धमकी देता है, या किसी भी संपत्ति को गैरकानूनी हिरासत में रखता है, या हिरासत में लेने की धमकी देता है, तो ऐसी सहमति को उत्पीड़न से प्राप्त की गई सहमति कहा जाता है.