जब्त संपत्ति का निपटारा अदालत कैसे करती है? इसे लेकर CrPC में क्या प्रावधान है?
पुलिस जब भी किसी आपराधिक मामले की जांच करती है तो कई तरह की चीजें बरामद करती है. वह बेहद महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि उनका साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
पुलिस जब भी किसी आपराधिक मामले की जांच करती है तो कई तरह की चीजें बरामद करती है. वह बेहद महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि उनका साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
न्यायालय द्वारा जारी लिखित आदेश को ही समन के रुप में जाना जाता है, समन एक दस्तावेज है जो एक व्यक्ति को अदालत के सामने पेश होने और उसके खिलाफ की गई शिकायत का जवाब देने का आदेश देता है। मजिस्ट्रेट द्वारा crpc 1973 की धारा 204(1)(A) के तहत आरोपी को समन जारी किया जाता है।
जब पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित (Institute) किसी वारण्ट-मामले में अभियुक्त विचारण के प्रारम्भ में मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है तब मजिस्ट्रेट अपना यह समाधान कर लेगा कि अभियुक्त ने धारा 207 के नियमों का अनुपालन कर लिया है। इसका मतलब यह है कि अभियुक्त को पुलिस रिपोर्ट अथवा अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपियाँ दे दी गयी हैं या नहीं
धारा 144 लागू होते ही उस इलाके में पांच से अधिक लोग एक साथ एक जगह जमा नहीं हो सकते
पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही के विरोध में, वकीलों ने मंगलवार को दिनभर प्रोटेस्ट किया. आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.
एक पुलिस अधिकारी जो वारंट को निष्पादित करता है, वह गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को इसकी सूचना देगा और यदि वह मांग करता है, तो वह उसे वारंट दिखाएगा.
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री द्वारा लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार इस प्रक्रिया के लिए दिल्ली एलएलयू उपकुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है.
तलाक को हमारा समाज बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखता है इसलिए जब भी कोई महिला तलाक के बारे में सोचती है तो सबसे पहले वो यही सोचती है कि समाज क्या कहेगा लेकिन महिलाएं इन सबसे ऊपर उठ रही हैं क्योंकि महिलाएं अब जागरूक हो रही है अपने अधिकारों के प्रति.
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 31 में केवल एक विचारण (Trial) में दो या अधिक अपराधों के एक आरोपी व्यक्ति की सजा को सन्दर्भित किया गया है
कुछ अपराधी सजा काटने के बाद जुर्म का रास्ता छोड़ कर सही रास्ते पर आ जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे अपराधी होते हैं जो सजा काटने के बाद भी बाज नहीं आते हैं जो, समाज के लिए हमेशा खतरा बने रहते हैं.
धूत के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एक ही तारीख को सीबीआई और ईडी दोनो ही उन्हे जांच के लिए बुलाया था. उसी तारीख को ईडी (Enforcement Directorate) द्वारा समन किया गया था
इन - कैमरा के अंतर्गत हुई कार्यवाही को छापने और प्रकाशित करने की अनुमति किसी को नहीं है, अगर कोई इसे छापता है या प्रकाशित करता है तो वो सजा का पात्र होगा.
पुलिस जब भी किसी आपराधिक मामले की जांच करती है तो कई तरह की चीजें बरामद करती है. वह बेहद महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि उनका साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
पुलिस की हठधर्मिता और तानाशाही के विरोध में, वकीलों ने मंगलवार को दिनभर प्रोटेस्ट किया. आखिरकार पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा.
एक पुलिस अधिकारी जो वारंट को निष्पादित करता है, वह गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति को इसकी सूचना देगा और यदि वह मांग करता है, तो वह उसे वारंट दिखाएगा.
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री द्वारा लोकसभा में दिए गए जवाब के अनुसार इस प्रक्रिया के लिए दिल्ली एलएलयू उपकुलपति की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया है.
तलाक को हमारा समाज बहुत अच्छी नजरों से नहीं देखता है इसलिए जब भी कोई महिला तलाक के बारे में सोचती है तो सबसे पहले वो यही सोचती है कि समाज क्या कहेगा लेकिन महिलाएं इन सबसे ऊपर उठ रही हैं क्योंकि महिलाएं अब जागरूक हो रही है अपने अधिकारों के प्रति.
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 31 में केवल एक विचारण (Trial) में दो या अधिक अपराधों के एक आरोपी व्यक्ति की सजा को सन्दर्भित किया गया है
कुछ अपराधी सजा काटने के बाद जुर्म का रास्ता छोड़ कर सही रास्ते पर आ जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे अपराधी होते हैं जो सजा काटने के बाद भी बाज नहीं आते हैं जो, समाज के लिए हमेशा खतरा बने रहते हैं.
धूत के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि एक ही तारीख को सीबीआई और ईडी दोनो ही उन्हे जांच के लिए बुलाया था. उसी तारीख को ईडी (Enforcement Directorate) द्वारा समन किया गया था
इन - कैमरा के अंतर्गत हुई कार्यवाही को छापने और प्रकाशित करने की अनुमति किसी को नहीं है, अगर कोई इसे छापता है या प्रकाशित करता है तो वो सजा का पात्र होगा.