Delhi HC ने अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं को हटाने से जुड़ी याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे को “धार्मिक समिति” द्वारा संभाला जाता है।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे को “धार्मिक समिति” द्वारा संभाला जाता है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार समिति को यह जांचने के लिए कहा गया है कि क्या वकीलों के स्वामित्व वाले वाहनों के लिए पहचानपत्र और रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग या स्टिकर तैयार किए जा सकते हैं।
न्यायालय ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार का निर्णय विकृत या मनमाना है या यह काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग, मुनाफाखोरी को बढ़ावा देता है या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है.
दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बिना पर्ची भरे और पहचान पत्र के बिना 2,000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
आरबीआई ने कहा था कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेना नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक सांविधिक कार्य है. 19 मई को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ से आरबीआई ने इस तथ्य के आलोक में सुनवाई टालने का अनुरोध किया कि नोट वापस लेने की अधिसूचना से संबद्ध अन्य जनहित याचिका (PIL) पर अदालत द्वारा फैसला सुरक्षित रखा गया है.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने वर्मा द्वारा उनकी बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया.
Chief Justice Satish Chandra Sharma और Justice Subramonium Prasad की पीठ ने जून 2022 के एक आदेश संशोधित करते हुए स्पष्ट किया है कि खेल संहिता के अनुपालना में किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ पर सरकारी धन खर्च नहीं किया जाना चाहिए.
सीसीआई ने 25 अक्टूबर 2022 को एक आदेश पारित किया जिसमें गूगल को निर्देश दिया गया था कि वह ऐप डेवलपर्स पर ऐसी कोई शर्त न लगाए जो उन्हें प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए अनुचित, बेतुका या भेदभावपूर्ण हो.
याचिका में दावा किया गया है कि आधार को संपंति से जोड़ने पर यह लंबे समय तक काले धन के सृजन को समाप्त करने में मदद करेगा. और अगर सरकार ने संपत्ति के दस्तावेजों को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया, तो इससे वार्षिक वृद्धि में 2% की वृद्धि होगी.
अदालतों में दायर होने वाली व्यक्तिगत और राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित जनहित याचिकाओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने आगाह किया है.
जनहित याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश के समय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी के छात्रों को 10% आरक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए जाए.
Chief Justice सतीश चन्द्र शर्मा और Justice सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका को स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा कि हम चेन्नई में किसी व्यक्ति को श्रीनगर में अपने गृह नगर वापस आने और वहां मतदान करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.
दिल्ली हाईकोर्ट में स्थायी जजों के 46 पदों पर कुल 44 स्थायी जज कार्यरत थे. वही अतिरिक्त जजों के 14 पदों पर एकमात्र जस्टिस अमित शर्मा ही अतिरिक्त यानी एडिशनल जज के रूप में कार्यरत थे. जस्टिस शर्मा की स्थायी जज के रूप में पदोन्नति के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट में कोई भी अतिरिक्त जज नही है.
पिछले साल 14 जून को अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई थी जिसके तहत उम्मीदवारों की आयु सीमा में बदलाव किए गए थे.
दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) इंजीनियरिंग के छात्र योगेश परिहार को विश्वविद्यालय ने दो विषयों की परीक्षाओं के दौरान नकल करते हुए पकड़ा. जिसके बाद विश्वविद्यालय ने अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए योगेश परिहार के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में दिए इस तर्क को भी खारिज करर दिया है कि भूतकाल में भी देश में ऐसी कई घटनाए हुई है जब कृपाण को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हुए अपहरण किया गया.
पीड़िता की पहचान जाहिर करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में पॉक्सो एक्ट के तहत अल जजीरा सहित 23 मीडिया घरानों पर कोर्ट ने 10-10 लाख का जुर्माना लगाया था. अब तक 21 संस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना कर चुके है.
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए मुद्दे को “धार्मिक समिति” द्वारा संभाला जाता है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार समिति को यह जांचने के लिए कहा गया है कि क्या वकीलों के स्वामित्व वाले वाहनों के लिए पहचानपत्र और रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग या स्टिकर तैयार किए जा सकते हैं।
न्यायालय ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार का निर्णय विकृत या मनमाना है या यह काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग, मुनाफाखोरी को बढ़ावा देता है या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है.
दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बिना पर्ची भरे और पहचान पत्र के बिना 2,000 रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
आरबीआई ने कहा था कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेना नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक सांविधिक कार्य है. 19 मई को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ से आरबीआई ने इस तथ्य के आलोक में सुनवाई टालने का अनुरोध किया कि नोट वापस लेने की अधिसूचना से संबद्ध अन्य जनहित याचिका (PIL) पर अदालत द्वारा फैसला सुरक्षित रखा गया है.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की खंडपीठ ने वर्मा द्वारा उनकी बर्खास्तगी के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया.
Chief Justice Satish Chandra Sharma और Justice Subramonium Prasad की पीठ ने जून 2022 के एक आदेश संशोधित करते हुए स्पष्ट किया है कि खेल संहिता के अनुपालना में किसी भी राष्ट्रीय खेल महासंघ पर सरकारी धन खर्च नहीं किया जाना चाहिए.
सीसीआई ने 25 अक्टूबर 2022 को एक आदेश पारित किया जिसमें गूगल को निर्देश दिया गया था कि वह ऐप डेवलपर्स पर ऐसी कोई शर्त न लगाए जो उन्हें प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए अनुचित, बेतुका या भेदभावपूर्ण हो.
याचिका में दावा किया गया है कि आधार को संपंति से जोड़ने पर यह लंबे समय तक काले धन के सृजन को समाप्त करने में मदद करेगा. और अगर सरकार ने संपत्ति के दस्तावेजों को आधार से जोड़ना अनिवार्य कर दिया, तो इससे वार्षिक वृद्धि में 2% की वृद्धि होगी.
अदालतों में दायर होने वाली व्यक्तिगत और राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित जनहित याचिकाओं को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने आगाह किया है.
जनहित याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश के समय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी के छात्रों को 10% आरक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए जाए.
Chief Justice सतीश चन्द्र शर्मा और Justice सुब्रमण्यम प्रसाद ने याचिका को स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा कि हम चेन्नई में किसी व्यक्ति को श्रीनगर में अपने गृह नगर वापस आने और वहां मतदान करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते.
दिल्ली हाईकोर्ट में स्थायी जजों के 46 पदों पर कुल 44 स्थायी जज कार्यरत थे. वही अतिरिक्त जजों के 14 पदों पर एकमात्र जस्टिस अमित शर्मा ही अतिरिक्त यानी एडिशनल जज के रूप में कार्यरत थे. जस्टिस शर्मा की स्थायी जज के रूप में पदोन्नति के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट में कोई भी अतिरिक्त जज नही है.
पिछले साल 14 जून को अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई थी जिसके तहत उम्मीदवारों की आयु सीमा में बदलाव किए गए थे.
दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) इंजीनियरिंग के छात्र योगेश परिहार को विश्वविद्यालय ने दो विषयों की परीक्षाओं के दौरान नकल करते हुए पकड़ा. जिसके बाद विश्वविद्यालय ने अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए योगेश परिहार के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में दिए इस तर्क को भी खारिज करर दिया है कि भूतकाल में भी देश में ऐसी कई घटनाए हुई है जब कृपाण को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हुए अपहरण किया गया.
पीड़िता की पहचान जाहिर करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में पॉक्सो एक्ट के तहत अल जजीरा सहित 23 मीडिया घरानों पर कोर्ट ने 10-10 लाख का जुर्माना लगाया था. अब तक 21 संस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना कर चुके है.